उदयपुर, गर्मी के मोसम ने जेसे ही दस्तक वेसे ही शहर की मुख्य झीले फतहसागर और पिछोला पर शाम होते शहर वासियों की भीड़ लग्न शुरू हो गयी है और वही दूसरी और शहर की इस खुबसूरत झीलों का जल स्तर पांच फिट तक उतर चुका है ।
गर्मी के मोसम के शुरू होते ही शाम होते ही फतह सागर और पिछोला के किनारे शहर वासी परिवार सहित सुकून के दो पल गुजारने के लिए आजाते हे । गर्मी में सुकून देने वाली इन झीलों के प्रति झील प्रेमियों की चिंता भी बढ जाती है कि गर्मी बढऩे के साथ ही झीलों के जल स्तर में तेजी से गिरावट की संभावना है।
पिछले सालों की तरह इस वर्ष भी अच्छी बारिश के बाद आसपास के तालाबों व झीलों के साथ ही शहर के बीच स्थित प्रमुख झील फतह सागर व पीछाला भी लबालब भर गई थी। बारिश के बाद सर्दी के मौसम में भी झीलें लबालब ही भरी रही लेकिन अब गर्मी की दस्तक के साथ ही झीलों का जल स्तर तेजी से घट रहा है। फतह सागर व पीछोला का जल स्तर सवा पांच फीट तक घट चुका है।किनारे खुलने लगे बारिश के दिनों फतह सागर का पानी सड़क को छू रहा था। झीलों को जल स्तर पांच फीट तक नीचे जाने से झील खाली खाली लगने लगी है। झील पेटे के किनारे की जमीन भी उघडऩे लगी है। बहरहाल अभी फतह सागर व पीछोला दोनों ही झीलों में पर्याप्त मात्रा में पानी भरा है। जल संसाधन विभाग के अनुसार झीलों में इतना पानी है कि अगली बारिश तक शहर की पेजयल आपूर्ति भी निर्बाध रूप से होती रहेगी तथा झीलों रीती भी नहीं होगी, हालांकि जल स्तर में कमी जरूर आएगी।वैसे झीलों का जल स्तर भले ही घटा हो लेकिन इनकी खूबसूरती में कोई कमी नहीं आई है। झीलों का दृष्य हमेशा मनोहारी बना रहता है। इन दिनों यूआईटी ने फतह सागर में फ्लोटिंग फव्वारें व आउटलेट के समीप मोती मगरी की पहाड़ी पर बनाए गए झरने को भी चालू कर रखा है। इससे झील की खूबसूरती में चार चांद लग रहे हैं।
बढ़ रही है पर्यटकों की तादाद : गर्मी के दिन शुरू होते ही शहर में देशी विदेशी पर्यटकों की तादाद में भी बढौतरी हुई है। रोजाना बड़ी तादाद में सड़क, रेल व वायु मार्ग से पर्यटक झीलों की नगरी में पहुंच रहे हैं। झीलों के आसपास दिनभर व खासकर सुबह शाम देशी विदेशी पर्यटकों की खासी तादाद देखी जा सकती है।झीलों की सफाई पर ध्यान नहीं जल स्तर घटने और गर्मी बढऩे के साथ ही झीलों में प्रदूषण व गंदगी का स्तर भी बढ़ता जा रहा है। फतह सागर व पीछाला झील के किनारों पर फैली जलीय घास, गंदगी व कचरे का साम्राज्य फैला हुआ है। नगर परिषद ने हालांकि कहने को झीलों की सफाई के लिए ४० कर्मचारी ठेका पद्दति पर लगा रखे हैं बावजूद इसके झीलें पूरी तरह से साफ सुथरी नहीं दिख रही है।