उदयपुर. उदयपुर. बाल चिकित्सालय में गत दिनों किशोरी अपनी अनचाही बच्ची को यहां एक अन्य प्रसूता के पास छोड़कर परिजनों सहित चम्पत हो गई। यह मासूम अब 17 दिन से चिकित्सकों की देखरेख में है। वहीं, तीन दिन पहले अस्पताल के पालने में छोड़ी गई तीन दिन की नवजात ने मंगलवार को उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
15 साल में बनी मां
महज 15 साल की बाली उम्र की किशोरी को लेकर गत 21 अगस्त को परिजन यहां पन्नाधाय चिकित्सालय में पहुंचे थे। चिकित्सकों के पूछने पर परिजन शर्मीदगी से सिर झुकाए रहे, लेकिन मुंह से एक शब्द भी नहीं बोले। सामान्य डिलेवरी का केस बता वे गुमराह करते रहे। चिकित्सकों ने किशोरी की हालत नाजुक देख उसका प्रसव करवाया। किशोरी ने एक कमजोरी कन्या को जन्म दिया। यह 25 अगस्त तक बाल नर्सरी में भर्ती रही। परिजन नवजात को बाल नर्सरी में एक अन्य प्रसूता को सुपुर्द कर चम्पत हो गए। इस बात का पता, तब चला जब अन्य प्रसूता की गोद में यह नवजात बिलखती मिली। इस पर अस्पताल में हड़कम्प मच गया। खोजबीन की तो पता चला कि यह वही बच्ची है जो 15 वर्ष की किशोरी की कोख में पल रही थी। मामला संदिग्ध होने पर पुलिस व अस्पताल प्रशासन को सूचना देने के बावजूद इस पर ध्यान नहीं दिया गया। नवजात 17 दिन की होकर बिन मां अस्पताल में भर्ती है। अस्पताल प्रशासन उसकी देखरेख कर रहा है।
पालने में मिली बच्ची ने भी तोड़ा दम गत 5 सितम्बर को तड़के अंधेरे में अस्पताल के पालनागृह में एक महिला नवजात को छोड़ गई। बच्ची काफी कमजोर होने पर उसे बाल नर्सरी में भर्ती किया गया। तीन दिन उपचार के बाद उसने मंगलवार को दम तोड़ दिया। यह बच्ची अस्पताल के मुर्दाघर में है। अस्पताल प्रबंधन ने हाथीपोल थाना पुलिस को सूचना दी है। डॉ. आरएल सुमन, बाल रोग चिकित्सक ने कहा कि दोनों बच्चियों के बारे में अस्पताल अधीक्षक व पुलिस को सूचना दे दी थी। 15 साल की किशोरी अपनी बच्ची को भी अन्य महिला को देकर चली गई थी। यह बच्ची बाल चिकित्सालय में भर्ती है।
Badi dukh ki bat