अख्तर खान
सुप्रीम कोर्ट का, खूंटी दिया टंगाय। अफ सर अकड़ दिखा रहे, बत्ती कार लगाय।।
लाल सजाए है पुलिस,हरी प्रशासन कार। नहीं सुधरना चाहते, आदत से लाचार।।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी नहीं हटी लाल बत्ती, अधिकारी ही कर रहे हैं सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना।
उदयपुर। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद कलेक्टर सहित कई अधिकारी अपने वाहनों पर लाल बत्ती लगाए हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह साफ कर दिया है कि सिर्फ संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्ति ही लाल बत्ती का उपयोग कर सकते हैं। यानी विधायक, कलेक्टर और एसपी जैसे पदों पर बैठे लोग लाल बत्ती नहीं लगा सकते हैं। इसके बावजूद प्रशासनिक अधिकारी अभी भी खुलेआम नियम विरूद्ध लाल बत्ती का उपयोग कर रहे हैं। नीली बत्ती का उपयोग पुलिस और आपात कालीन सेवाओं के लिए निर्धारित किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारी भी लाल बत्ती का उपयोग नहीं कर सकते, लेकिन शहर में पुलिस के आला अधिकारी लाल बत्ती और प्रशासनिक अधिकारी अभी भी नियम के खिलाफ नीली बत्ती का उपयोग कर रहे हैं।
इन वाहनों पर लगी है लाल बत्ती
जिला कलेक्टर आशुतोष पढ़णेकर की स्वीफ्ट पर अभी भी लाल बत्ती लगी हुई है। आईजी अमृत कलश के वाहन पर लाल बत्ती लगी हुई है। अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रशासन की बोलेरो जीप पर भी लाल बत्ती नहीं उतारी गई।
पुलिस अधीक्षक महेश गोयल के वाहन पर भी लाल बत्ती लगी है। खान विभाग के आयुक्त और स्थानीय निकाय विभाग के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के वाहन पर भी लाल बत्ती है। यूआईटी सचिव के वाहन पर भी लाल बत्ती लगी हुई है।
इन अधिकारियों के वाहनों पर नीली बत्ती
जो प्रशासनिक अधिकारी लाल बत्ती नहीं लगा रहे हैं, उनका मोह नीली बत्ती में अटका हुआ है। कलेक्ट्री और कई ऐसे विभाग हैं, जहां आरएएस और प्रशासनिक अधिकारियों की गाडिय़ों पर नीली बत्ती लगी हुई है, जब कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार नीली बत्ती पुलिस अधिकारियों और आपात सेवाओं के लिए हंै।
एडीएम यासीन पठान, रसद अधिकारी एमएल चौहान और रसद अधिकारी ग्रामीण के वाहन पर अभी भी नीली बत्ती लगी हुई है।
शहर में कैप लगाकर निकालते हैं वाहन
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी कई अधिकारी लाल बत्ती का प्रयोग करते हैं। ये अधिकारी शहर में लाल बत्ती पर कैप पहना देते हैं और जैसे ही शहर के बाहर हाइवे पर निकलते हैं। कैप हटाकर लाल बत्ती का प्रयोग करते हंै और उदयपुर से दूसरे शहर में जाते हैं, तो लाल बत्ती का रौब पूरी तरह दिखाते हैं।
परिवहन विभाग नहीं कर रहा कार्रवाई
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद परिवहन विभाग अवैध रूप से उपयोग में लाई जा रही नीली और लाल बत्ती लगे वाहनों के खिलाफ कारवाई नहीं कर रहा है। परिवहन विभाग के साथ प्रशासनिक अधिकारी भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति नहीं मिलने और सरकार की और से नई अधिसूचना जारी होने का इंतजार कर रहे हंै।
कोर्ट का आदेश
* संवैधानिक पदों के व्यक्ति ही लाल बत्ती लगा सकते हैं। राज्यों में उनके समकक्षों को यह हक होगा।
* संबंधित व्यक्ति वाहन में नहीं है, तो बत्ती को ढंका जाए।
* पुलिस, एम्बुलेंस, फायर बिग्रेड व अन्य आपात एजेंसियों के वाहनों पर नीली, सफेद, बहुरंगी बत्तियां लगाई जा सकती है।