उदयपुर। ‘चुनावों से राजनेताआें में से किसी एक को चुनने का तो मौका मिलता है, परन्तु सही राजनीति को चुनने का कोई अवसर नहीं मिलता है। एेसे में इंकलाब से ही बदलाव की राजनीति की जा सकती हैं। यह विचार मोहता पार्क में संपन्न शहादत दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए विजयसिंह चौधरी ने व्यक्त किए। शहादत दिवस समारोह समिति के कार्यक्रम में चौधरी ने कहा कि हर पार्टी वोट लेने के लिए महंगाई, गरीबी व भ्रष्टाचार को दूर करने का दावा तो करती है, पर कोई यह नहीं बताता है कि यह कैसे संभव होगा? उन्होंने कहा कि शोषण व संसाधन और श्रम की लूट रोकने के बारे में एक शब्द भी नहीं बोला जा रहा है। समारोह में बोलते हुए राजस्थान किसान संगठन के अरूण व्यास ने बताया कि जब तक शोषण और लूट रहेगा, तब तक व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई जारी रहेगी और भगतसिंह जैसे क्रांतिकारी पैदा होते रहेंगे। सभा में पत्रकार उग्रसेन राव ने जाति, धर्म, बाहुबल तथा धनबल के आधार पर टिकिटों के बंटवारे पर सवाल उठाते हुए कहा कि सारी पार्टियां और उनके नेता वैचारिक मुखौटों को उतार चुके हैं तथा जिताऊ उम्मीदवारों पर दाव लगा रहे हैं। जास के रामेश्वर कुमावत ने कहा कि क्रांतिकारी शहीदों के बारे में पाठ्यक्रमों में कोई जानकारी नहीं दी जाती है, इसलिए युवाआें को अलग से अध्ययन केंद्रों का संचालन कर अपने ज्ञान का विकास करने पर जोर देना चाहिए।
समारोह में बोलते हुए जनवादी मजदूर यूनियन के संरक्षक डीएस पालीवाल ने स्वतंत्रता संग्राम के बारे में अध्ययन करने पर बल देते हुए भगतसिंह और क्रांतिकारी साथियों की वैज्ञानिक विचार पद्दति व नास्तिकता के बारे में विस्तार से बताया। समारोह में जनवादी मजदूर यूनियन के अध्यक्ष डालचंद मेघवाल ने बताया कि भगतसिंह का सपना मजदूरों का राज लाने का था, जो आज भी अधूरा हैं। उन्होंने क्रांतिकारी कवि अवतार सिंह ‘पाशञ्ज तथा हंसराज को भी श्रद्घांजलि अर्पित की। समारोह में विपिन शुक्ला, भैरूलाल मीणा ने भी विचार व्यक्त किए और एेलसा ने प्रगतिशील कविताएं सुनाईं। समारोह का संचालन जयंतीलाल मीणा ने किया। धन्यवाद की रस्म ग्रामीण युवा संगठन के किशन आहरी ने अदा की।
भगतसिंह का रास्ता ही बदलाव का रास्ता
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