udaipurसुकमा. जिले के कोंटा ब्लॉक के पोलमपल्ली आवासीय विद्यालय में पढऩे वाली 14 साल की छात्रा ने रविवार सुबह दोरनापाल के अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया। पहली कक्षा में पढऩे वाली छात्रा रतनी (काल्पनिक नाम) को पेट में असहनीय दर्द शुरू हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती किया गया। जांच में पता चला कि वजह प्रसव पीड़ा है। सुबह 9 बजे उसने बालक को जन्म दिया।
पूरा स्कूल प्रशासन आश्रम शाला में रहकर पढऩे वाली नाबालिग बच्ची के मां बनने के इस मामले को दबाने में जुटा हुआ है। रेसीडेंशियल स्कूल की अधीक्षिका कुंती टेकाम के मुताबिक ब्लॉक के ही गांव में रहने वाली रतनी विद्यालय में ही रहती थी। उन्हें इस बात का बिल्कुल पता नहीं चला कि बच्ची गर्भवती है। बीईओ एसके दीप बताते हैं कि लड़की के माता-पिता ने गांव के ही किसी युवक से बेटी के अवैध संबंध होने की बात स्वीकार की है। बच्ची को अस्पताल से घर भेज दिया गया है।
इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जिले में राजीव गांधी शिक्षा मिशन अंतर्गत संचालित आवासीय विद्यालयों में हर महीने बच्चियों के मेडिकल टेस्ट का नियम है। छात्रा के प्रेगनेंट होने और बच्चे को जन्म देने की घटना से साफ है कि मेडिकल टेस्ट शायद नहीं हो रहे थे। विद्यालय की अधीक्षिका को बच्ची के पेट में 9 महीने के गर्भ का पता नहीं चला। पेट दर्द के बाद जब छात्रा को दोरनापाल अस्पताल में भर्ती कराया गया तब जाकर अधीक्षिका कुंती टेकाम को इसका पता चला।
पहली कक्षा की छात्रा बनी मां, पेट में दर्द से हुआ खुलासा
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