उदयपुर। सेवारत चिकित्सकों की रस्म के बाद भी जारी हड़ताल के बिच पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए एक तरफ जिले भर के सेवारत चिकित्सक भूमिगत रहे वही. पुलिस मुखबिरों के जरिये उन्हें दिन भर जगह जगह तलाशती रही। इधर इनके समर्थन में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से महाराणा भूपाल चिकित्सालय की व्यवस्था भी चरमरा गयी। हालाँकि सीनियर और सेवारत चिकित्सकों ने व्यवस्था संभालने की पूरी कोशिश की है।
जिले भर में चिकित्सा विभाग का स्वस्थ लगभग पूरी तरह बिगड़ चुका है। जहाँ एक तरफ सेवारत चिकित्सक अपनी हटधर्मिता के चलते हड़ताल पर है और पुलिस से बचने के लिए इधर उधर छुपते फिर रहे है वही पुलिस की स्पेशल टीम इनकी गिरफ्तारी के लिए कई जगह दबिश दे रही है। बीती रात पुलिस की स्पेशल टीम ने उदयपुर से सीए सर्कल से अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. एसएल बामनिया और राजसमंद से डॉक्टर सुनील सोलंकी को गिरफ्तार किया है। उसके बाद से ही डॉक्टरों में और ज्यादा हलचल बढ़ गयी है। सेवारत डॉक्टरों के खिलाफ की गई कार्रवाई के विरोध में उदयपुर के एमबी चिकित्सालय के रेजिडेंट डॉक्टर भी सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। एमबी चिकित्सालय के 500 रेजिडेंट डॉक्टरों सहित 40 सीनियर रेजिडेंट और 20 स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से हॉस्पिटल की व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। वहीं दूसरी और हड़ताल पर जाने के बाद सभी रेजिडेंट डॉक्टर भूमिगत हो गए हैं। हड़ताल के बाद एमबी हॉस्पिटल में सीनियर डॉक्टर मोर्चा संभाले हुए हैं। एम् भी हॉस्पिटल में पूरे संभाग के साथ – साथ मध्य प्रदेश के मंदसौर और नीमच के लोग भी इलाज कराने के लिए यहां पर आते हैं वहीं दूसरी और रेजिडेंट डॉक्टर्स अपनी मांग को लेकर पीछे हटने को तैयार नही हैं। सरकार द्वारा की गई कार्रवाई को वापस लेने सहित विभिन्न मांगों को पूरा करने के बाद ही रेजिडेंट डॉक्टर काम पर लौटने की बात कर रहे हैं। भूमिगत हुए डाक्टर्स का कहना है कि कि सरकार एक ओर डाक्टर्स से वार्ता कर समझौता लागू करने की बात करती है वहीं दूसरी ओर उस समझौते को नजर अंदाज कर डाक्टरों के तबादले सहित कार्यवाही के आदेश जारी करती है जो कि न्यायसंगत नहीं है।
डॉक्टरों की हड़ताल से। गिरफ्तारी से पूर्व राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. एसएल बामनिया ने कहा कि जिले के 900 से ज्यादा डॉक्टर सोमवार से भूमिगत रहेंगे। सरकार कितना भी तानाशाह रवैया अपना ले, हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। सरकार 2011 में गिरफ्तारी कर चुकी है। हमने जमानत से लौटकर भी हड़ताल की। बस इस बार थोड़ा बचकर रहना होगा। इधर, जिले में पहली गिरफ्तारी होते ही अन्य डॉक्टर भी फोन स्विच ऑफ कर घरों से इधर-उधर हो गए।
सीएमएचओ डॉ. संजीव टांक ने बताया कि जिले के सभी 28 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर निजी मेडिकल कॉलेजों के एक-एक चिकित्सक लगाए गए है । 74 आयुष डॉक्टरों को प्राथमिक और स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात किया गया है। जो डॉक्टर ड्यूटी नहीं देगा उसकी जानकारी जिला कलेक्टर को भी भेजी जाएगी।
दी राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ. राहुल जैन ने बताया कि एसोसिएशन के लगभग 150 सीनियर प्रोफेसर, प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर्स अस्पताल में सेवाएं देंगे। एसो. के करीब 100 डॉक्टर एमबी, 30-35 जनाना, 10 बाल चिकित्सालय और शेष अन्य अस्पतालों में इलाज करेंगे।
सरकार और डॉक्टरों के बिच बेहाल है जनता
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