उदयपुर। लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही सियासी हलकों में गतिविधियां तेज हो गई। दोनों पार्टियां अपने-अपने कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने और नया जोश भरने के लिए नए तरीके अपनाने की रणनीति तैयार कर रही है। राजस्थान कांग्रेस चुनाव संचालन समिति की नई दिल्ली में बैठक के बाद संभावित उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हो रही है, जबकि भाजपा भी दावेदारों की सूची पर गौर कर रही है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने लोकसभा फीड बैक दौरे के दौरान संभावित तीन नामों की सूची ले ली है। अब इंतजार उम्मीदवार की घोषणा का है।
कार्यकर्ता और नेता हुए सक्रिय: लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही कांग्रेस, भाजपा के नेता और कार्यकत्र्ता हरकत में आ गए हैं। कांग्रेस में जहां एक ओर संभावित उम्मीदवारों ने अपने समर्थक और कार्यकर्ताओं से एकजुट होने का न्यौता दिया है। जिलाध्यक्षों ने कार्यकर्ताओं और ब्लॉक अध्यक्षों को लोकसभा चुनाव के लिए आज से ही जुट जाने के लिए कहा है। नौ मार्च से मतदाता सूची में नाम जुड़वाने में अपने क्षेत्र के वोटरों को घर-घर जाकर इसकी सूचना देने तथा उनका नाम मतदाता सूची में जुड़वाने के लिए कहा है। इधर, भाजपा के शीर्ष नेताओं से लेकर बूथ लेवल तक कार्यकत्र्ता सक्रिय हो गए हैं। लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही कार्यकर्ताओं और छोटे बड़े नेताओं की बैठकों का दौर शुरू हो गया है। हाल ही में जयपुर में प्रशिक्षण लेकर आए लोकसभा मिडिया प्रभारी चंचल कुमार अग्रवाल ने बताया कि आज से लोकसभा चुनाव में कार्यकर्ताओं व बूथ लेवल तक के छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंगों और बैठकों की रूपरेखा तैयार कर ली है। 29 मार्च को बूथ लेवल तक के कार्यकत्र्ताओं का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। जिसमें सरकार की योजनाओं को अधिक से अधिक लोगों, गांव-गांव, ढाणियों तक कैसे पहुंचाया जाए, भाजपा को वोट क्यों दे, इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। अगले तीन-चार दिनों में दो सुराज रथ भी उदयपुर लोकसभा क्षेत्र में आने वाले है, जिनके जरिये भाजपा और नरेंद्र मोदी का प्रचार किया जाएगा, जो 30 मार्च तक चलेगा। कॉल सेंटर बनाने की भी योजना बनाई गई, जो जल्दी ही क्रियांवित हो जाएगी। इसमें हर विधानसभा क्षेत्र में कॉल सेंटर लगाए जाएंगे वहां कार्यकर्ताओं का डेटा बेस तैयार किया जाएगा, जहां से हर एक जगह का फीड बैक लिया जाएगा। कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर जगह-जगह नव मतदाता सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जिसमें यह बताया जाएगा कि 25 वर्ष तक के वोटरों और ख़ासकर जो वोटर पहली बार वोट डाल रहे हैं। उन्हें भाजपा की कार्य योजना एवं नरेंद्र मोदी की कार्य शैली के बारे में बताया जाएगा।
टिकट के लिए भाग दौड़: लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही अब उदयपुर लोकसभा सीट के लिए दोनों पार्टी के दावेदार अपनी जोड़ तोड़ में लग गए हैं।
उम्मीद जताई जा रही है। इस बार दोनों पार्टी अपने उम्मीदवार जल्दी घोषित कर देगी क्योंकि उम्मीदवार घोषणा के बाद नाराज नेता और कार्यकर्ताओं को मनाना भी मुख्य रहेगा। कांग्रेस के गलियारों में माना जा रहा है कि उदयपुर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद रघुवीर मीणा ही उम्मीदवार क ी रहेंगे, क्योंकि पिछले चुवाव में वे एक लाख 76 हजार वोटों से विजयी हुए थे और इस बार उनका टिकट काटने का कोई बड़ा कारण नहीं है। हालांकि विधानसभा चुनाव में उदयपुर संभाग में कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिली, यही नहीं सलूंबर विधानसभा से रघुवीर मीणा की पत्नी भी चुनाव हार गई थी। अगर इनको देखते हुए आलाकमान कोई नया चेहरा या किसी युवा को टिकट देते हंै, तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। दावेदारों की लाइन में पूर्व ग्रामीण विधायक सज्जन कटारा के पुत्र विवेक कटारा और दयाराम परमार भी है। सूत्रों के अनुसार उदयपुर लोकसभा क्षेत्र के 16 ब्लॉक अध्यक्षों और दोनों जिलाध्यक्षों से दावेदारों के नाम मांगे गए थे, उनमें से अधिकतर ने रघुवीर मीणा का नाम ही पैनल में भेजा है। इधर, भाजपा में भी दावेदारों और उनके समर्थकों को पार्टी की घोषणा का इंतज़ार है। माना जा रहा है उदयपुर लोकसभा सीट के लिए मुख्य रूप से जो नाम आ रहे हैं, उनमें अर्जुनलाल मीणा और बाबूलाल खराड़ी शामिल है। इन दोनों में से किसी एक को टिकट मिल सकता है। चुन्नीलाल गरासिया और महावीर भगोरा का नाम भी पैनल में हैं।
लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी हलकों में गतिविधियां तेज
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