उदयपुर ,मोहनलाल सुखाडिया विष्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के साइकोलोजी स्टडी क्लब के तत्वाधान में विभिन्न समुदायों में प्रचलित उपचार पद्यतियों विषय पर विस्तार व्याख्यान आयोजित किया गया जिसके मुख्य वक्ता प्रो. अजित कुमार दलाल इलाहबाद विष्वविद्यालय थे । उन्होने अपने उदबोधन में प्रचलित स्वदेषी उपचार पद्वतियों की मानसिक रोगों के उपचार में उपयोगिता पर प्रकाष डाला । स्वदेषी पद्वतियों के उपचार की सफलता व्यक्ति की आस्था श्रद्वा एवं विष्वास पर निर्भर करती हे । विष्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के आधार पर 80 प्रतिषत समस्याओं का समाधान मानसिक षक्ति द्वारा बिना किसी सहायता के हो सकता है । उपचारक हमारी इसी छुपी हुई ताकत को जगाता है और धनात्मक चिंतन ओर आषा की उर्जा का संचार करता है । वह व्यक्ति ही नहीं परिवार एवं समाज के पक्षों को भी उपचार में सम्मिलित करता है । प्रोफेसर दलाल ने कहा कि विषेष बात यह है कि मानसिक रोगी भी समाज में ठीक होने के बाद सामान्य जीवन जीता है जबकि समाज में मनोचिकित्सक के पास जाने में व्यक्ति हिचकिचाता है । उन्होंने कहा कि वर्तमान में हमें इन पद्वतियों को हेय दृष्टि से नहीं वरन एक भिन्न दृष्टिकोण से देखने की आवष्यकता है जिससे इनका सुचारू उपयोग कर व्यक्ति को सम्पूर्ण रूप से स्वस्थ्य बनाये रखने में सहायता कर सकें । इस व्याख्यान में विभिन्न महाविद्यालयों के प्राध्यापकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित थे जिन्होंने अपनी संबंधित जिज्ञासाओं को षान्त कर सक्रिय भागीदारी निभाई ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. षरद श्रीवास्तव अधिष्ठाता सामजिक एवं मानविकी महाविद्यालय ने की ओर कहा कि आधुनिक जीवन में अधिकांष रोगों का कारण तनाव है अतः स्वस्थ रहने के लिए मनोवैज्ञानिक इसमें महत्ती भुमिका अदा कर सकते हैं । डा. अनिल कोठारी समारोह के मुख्य अतिथि थे । स्वागत उदबोधन डा. कल्पना जैन, मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष द्वारा किया गया । कार्यकम का संचालन अंकित राणा ने किया । आनंदिता त्रिखा द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया ।