Udaipur Post. नगर निगम की ओर से प्रति वर्ष लगाए जाने वाला दीपावली-दशहरा मेले पर कोरोना का साया रहेगा। प्रतिवर्ष की भाति ये दस दिवसीय मेला इस बार नहीं लगेगा। शहर वासियों को इस मेले का वर्ष भर इंतज़ार रहता है और बच्चो को भी। तरह तरह के व्यंजन ,घर को सजाने हेतु आकर्षक सजावटी वस्तुए ,डॉलर ,चकरी,झूले और भी बहुत कुछ और सबसे ज्यादा संस्कृतिक कार्यक्रम का भी आकर्षण सभी को रहता है क्युकी उसमे देश विदेश में नाम कम चुकी हस्तियां परफॉर्म करती है, जो कई बार फ़िल्मी जगत से भी जुडी होती है। ऐसे में स्थानीय प्रतिभाओ को भी मौका मिलता है और आखिरी दिन आतिशबाजी होती हैं। इस मेले को लेकर वैसे तो नगर निगम करीब डेढ़ महीने पहले तैयारियां शुरू कर देता है। लेकिन कोरोना के बढ़ते केस के चलते इस बार मेला नहीं भरेगा। वैसे सांस्कृतिक समिति पांच अक्टूबर को इस बारे में मेला नहीं करने को लेकर भी चर्चा करेगी।राज्य सरकार व जिला प्रशासन की गाइड लाइन के अनुसार मेला वैसे भी नहीं हो सकता है और नगर निगम के जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों ने भी माना कि इस बार मेला नहीं होगा लेकिन सांस्कृतिक समिति की ओर से सोमवार को इस विषय पर चर्चा की जाएगी, जिसमें मेला नहीं करने की औपचारिक घोषणा भी कर दी जाएगी। उप महापौर पारस सिंघवी कहते है कि जो स्थिति है उसको देखते हुए तो मेला नहीं हो सकता है। सांस्कृतिक समिति अध्यक्ष चन्द्रकला बोल्या ने बताया कि पांच अक्टूबर को अधिकारियों के साथ चर्चा होगी, उन्होंने भी कहा कि मेले के लिए अब तक तो तैयारियां शुरू हो जाती है लेकिन कोरोना संक्रमण का मेले पर साया है।नगर निगम की विद्युत समिति की बैठक में साफ शब्दों में कहा गया कि गली-मोहल्लों में स्ट्रीट लाइटें बंद होने की शिकायत आती है तो सबसे पहले वहां से अंधेरा दूर करना होगा न कि ठेकेदार व नगर निगम के लोग एक-दूसरे पर समस्या को डाले। यह बात समिति की बैठक में दोनों समिति अध्यक्ष हेमंत बोहरा एवं कुलदीप जोशी ने निगम एवं ठेकेदार के लाइनमैन को सख्त हिदायत देते हुए कही। दोनों समिति अध्यक्षों ने उप महापौर पारस सिंघवी के साथ दोनों दिन से बैठक कर स्ट्रीट लाइट को लेकर आ रही समस्याओं पर चर्चा की। दोनों अध्यक्ष ने कहा कि गलती ठेकेदार एवं लाइनमैन की होती है और सुनना उनको पड़ता है।
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