उदयपुर, शहर की हर रोड पर हरवक्त जाम की स्थिति बनी हुई रहती है लोग घंटों तक जाम में फंसे रहते है चार पहिया वाहन वाले तो शहर में वाहन चला नहीं सकते और अगर बाजारों में ले आये तो पार्किंग के लाले पड जाते है । शहर को फ्लाईओवर, एलिवेटेड रोड, ओवरब्रिज और पार्किंग स्थलों के निर्माण की सख्त जरूरत है। लेकिन सरकारी निकायों ने अभी तक कोई योजना बना कर काम करना शुरू नहीं किया है । यु आई टी हो या नगर परिषद शहर को व्यवस्थित रोड और यातायात देने में नाकाम है ।
शहर में हर रोड पर हर जगह अतिक्रमण हो रहा है लोगो ने अपनी मन मर्जी से मन माफिक अपनी दूकान मकान को आगे बडा कर सरकारी रोड पर काबिज हो गए है उनको हटाने वाला कोई नहीं । नगरपरिषद और यु आईटी अगर कोई कार्यवाही भी करते है तो सिर्फ फोरी पर दिखावे के लिए छोटी मोटी कार्यवाही कर के लोट आते है अतिकर्मियों के होसले बुलंद है ।
एलिवेटेड रोड की जरूरत : शहर की सडको पर लगने वाले लंबे-लंबे जाम से आम लोगों का जीना मुहाल हो गया है। शहर के प्रमुख चौराहो प्रतापनगर, ठोकर, सेवाश्रम, सूरजपोल, उदियापोल , देहलीगेट, चेतक सर्कल, और हाथीपोल पर लगने वाले जाम ने लोगों की रफ्तार को रोक दिया है। अन्य प्रमुख मार्गो पर भी ऐसे ही हालात से आम आदमी जूझ रहा है, जिसके चलते दुर्घटनाओं की संख्या में ईजाफा हो रहा है। शहर में चौराहों पर एलिवेटेड रोड, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज की नितांत आवश्यकता है। इस संबंध में पिछले दस सालों में यूआईटी ने विभिन्न योजनाओं की घोषणाएं की, लेकिन उन्हें मूर्त रूप नहीं दिया जा सका। इस लापरवाही के लिए जहां प्रशासनिक अधिकारी जिम्मेदार हैं, वहीं राजनीतिक स्वार्थो के चलते भी कई योजनाएं ठंडे बस्ते में चली गई।
पार्किंग की कोई जगह नहीं : शहर के यातायात को सुधारने के लिए नगर परिषद एवं यूआईटी ने नये पार्किंग स्थलों का निर्माण नहीं कराया। जिससे शहर में बिना किसी व्यवस्था के वाहनों को कहीं भी पार्क कर दिया जाता है। ये वाहन यातायात में अवरोधक बनते है। ऐसे हालात के जिम्मेदार स्थानीय निकाय है जिन्होनें शहर में बढते वाहनों की संख्या एवं यातायात के दबाव को हल नहीं किया और समस्या गंभीर होती चली गई।