udaipur बेल्जियम की संसद ने लाइलाज बीमारी के शिकार बच्चों को इच्छामृत्यु देने के अधिकार संबंधी विधेयक को पारित कर दिया है।
संसद में 86 सदस्यों ने इस विधेयक के पक्ष में मतदान किया जबकि 44 ने इसके खि़लाफ़ वोट दिया. 12 सांसदों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया. इस क़ानून में बच्चों की आयु सीमा तय नहीं की गई है।
जैसी कि संभावना है देश के राजा विधेयक पर हस्ताक्षर कर देंगे और तब बेल्जियम दुनिया का पहला देश बन जाएगा जहां किसी भी उम्र के बच्चे पर ये क़ानून लागू होगा.
लाइलाज बीमारी के चलते असहनीय वेदना से जूझ रहे बच्चों के अनुरोध पर ऐसा किया जा सकता है. इसमें अभिभावकों की सहमति भी ज़रूरी होगी.
विधेयक के विरोधियों का तर्क था कि बच्चे इतना कठिन फ़ैसला नहीं ले सकते। 12 साल पहले बेल्जियम ने लाइलाज बीमारी के शिकार वयस्कों के लिए इच्छामृत्यु का क़ानून बनाया था.
बेल्जियम के उत्तरी पड़ोसी देश नीदरलैंड में 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए इच्छामृत्यु का क़ानून है, बशर्ते अभिभावकों की सहमति हो.
बच्चों के लिए इच्छामृत्यु की शर्तें
॥ मरीज़ पूरे होशोहवाश में फ़ैसला ले
॥ इसके लिए अभिभावकों और मेडिकल टीम की मंजूरी होनी चाहिए
॥ बीमारी लाइलाज होनी चाहिए
॥ मरीज़ का दर्द असहनीय हो और इसे दूर करने के लिए कोई दवा मौजूद न हो
बच्चों को भी इच्छामृत्यु का अधिकार मिला
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