स्तनपान से परहेज महिलाओं में कैंसर का सबसे बडा कारण

Date:

तीन दिवसीय कार्यशाला शुरू

नई तकनीक, कौशल सहित कई मुद्दों पर होगी विस्तृत चर्चा

u1febph-5उदयपुर, लाइफ स्टाइल में आए बदलाव के कारण इस साल करीब एक लाख लोग कैंसर से ग्रसित होते है इनमें करीब 59 फीसदी लोग इस बीमारी के साथ दम तोड देते है। कारण होता है जागरूकता की कमी तथा इलाज के समूचित साधनों को अभाव। ऐसे में जरूरी कैंसर जैसी बीमारी के उन्मूलन के लिए जरूरी है कि सस्ती तथा सुलभ चिकित्सा हर व्यक्ति तक पहुंचे। यह विचार जीबीएच अमेरिकन हॉस्पीटल के बेनर तले शुक्रवार से शुरू हुई ब्रेस्ट कैंसर विषयक कार्यशाला के पहले दिन सामने आए। तीन दिवसीय इस कार्यशाला के पहले दिन जीबीएच अमेरिकन हॉस्पीटल में प्री-कॉन्प्रें*स आयोजित की गई। कैंसर हॉस्पीटल के सीईओ आनंद झा ने बताया कि कार्यशाला की शुरूआत में वरिष्ठ ब्रेस्ट कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ गरीमा मेहता ने अपने स्वागत में बताया कि कैंसर के अगर शुरूआती लक्षणों को पहचान कर उपचार शुरू कर दिया जाए तो यह करीब करीब पूरी तरह से मिटाया जा सकता है। कार्यशाला के पहले दिन टेक्नीकल सेशन में सोनोग्राफि द्वारा लक्षणों की पहचान तथा कीमोपोर्ट के दर्द रहित उपचार बनाने की दिशा में व्याख्यान दिया।

कार्यशाला की आयोजन सचिव डॉ. गरीमा मेहता ने बताया कि कैंसर के परीक्षण तथा उसके इलाज में कई कडिया शामिल है। एक व्यक्ति सोनोग्राफी करता है एक बायोप्सी करता है तथा तीसरा व्यक्ति उसका इलाज करता है। ऐसे में परिणामों को प्रभावित होने की पूरी संभावनाएं रहती है। अगर ही डॉक्टर यह सभी काम करें तो इस दिशा में विशेष कदम उठाए जा सकेगें। इस विषय पर चैन्नई ब्रेस्ट सेंटर से आई डॉ. साल्वे राधा कृष्णन ने अपने व्याख्यान दिया। साथ डॉ.कृष्णन ने इस पूरी प्रक्रिया का लाइव प्रदर्शन किया।

u1febph-6

कार्यशाला में संजयगांधी पी.जी. इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ के प्रोफेसर डॉ. गौरव अग्रवाल ने कैंसर निवारण कीमोपोर्ट के इंप्लांट के संबंध में जानकारी दी। इसके इंप्लांट का लाइव डेमोस्टेशन दिया।

डॉ. कृष्णन ने बताया कि कैंसर लाइफ स्टाइ से जुडी बीमारी बनाता जा रहा है। खान-पान तथा रहन-सहन में आए परिवर्तन तथा फास्ट फुड कल्चर कैंसर का एक बडा कारण है। साथ ही महिलाओं में स्तनपान न कराने कैंसर का सबसे बडा कारण है। महिला में होने वाला कैंसर का पचास प्रतिशत अंश ब्रेस्ट कैंसर तथा सरवाइकल कैंसर से पीडित हैै। जबकि पुरूषों में होने वाला स्तन कैंसर महिलाओं के अनुपात में सौ गुणा कम है। यानी कि हर सौ महिलाओं में एक पुरूष स्तन कैंसर का शिकार होता है।

कार्यशाला में एस.जी.पी.जी. आई.,लखनऊ के प्रोफेसर डॉ. गौरव अग्रवाल ने बताया कि कैंसर इलाज की तकनीक को छोटा सुगम तथा दर्द रहीत बनाने के दिशा में सफलता मिली है। इस तकनीक के जरीए अब हर बार अलग-अलग धमनियों से होने वाली चिकित्सा से निजात मिली है। अब एक कीमोपोर्ट के इप्लांट कैंसर के चिकित्सा संबंधी सभी प्रक्रियाएं शुरू की जा सकती है। इससे दर्द भी कम होता है तथा परिणाम भी अच्छे आते है।

साथ ही इस दिशा में हुए सकारात्मक परिवर्तन जरिए अब ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में पूरे स्तन को निकालने के बजाए केवल कैंसर संक्रमण उत्तकों को ही निकाल कर पूरे स्तन को बचाया जा सकता है।

यह कार्यशाला मेवाड के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्यों गरीब आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में कैंसर जैसी भयावह बीमारी के निदान हेतु प्राथमिक उपचार की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में कैंसर को लेकर यहां ना तो कोई विशेष जागरूकता तथा ना ही इससे निबटने के लिए समुचित प्रबंध। ऐसे इस प्रकार की कार्यशाला उदयपुर सहित मेवाड संभाग के लिए कैंसर उन्मूलन की दिशा में लाभप्रद साबित होगी।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

just what makes hot older male gay therefore special?

just what makes hot older male gay therefore special?there...

How to obtain the perfect cuckold dating site

How to obtain the perfect cuckold dating siteLooking for...

Enjoy discreet and safe hookups in miami

Enjoy discreet and safe hookups in miamiEnjoy discreet and...