उदयपुर, बोहरा समाज के नव वर्ष हिज़री सन् 1435 का शुभारम्भ सोमवार 04 नवम्बर से होगा। दीपावली व नव वर्ष की पूर्व संध्या साथ-साथ होने पर आमजन मंे खुशी दुगुनी हो गयी है ये भारतीय सभ्यता, संस्कृति, सौहाद्ध का संगम है। यहां विभिन्न धर्म के लोग एक दूसरे की खुशियों में शरीक होंगे। दीपावली के दिन नववर्ष की पूर्व संध्या पर लोग अपने-अपने घरांे पर विभिन्न प्रकार के पकवानों के थाल सजाएंगे जिसमें परिवार के सभी लोग हिस्सा लेंगे और समुदाय के लोग नये वर्ष की मुबारकबाद पेश करेंगे। 04 नवम्बर को सैयदी खांजीपीर साहब के उर्स पर सार्वजनिक न्याज व मजलिस का आयोजन होगा। इसके तहत खांजीपीर स्थित दरगाह पर विशेष सजावट की जा रही है। 04 नवम्बर से हज़रत इमाम हुसैन की याद में 10 दिनों तक समुदाय के लोग गम व मातम मनाएंगे जिसमें विविध आयोजनों में कर्बला में हुए शहीदों को याद किया जाएगा। बोहरवाडी और बोहरा समुदाय के विभिन्न मौहल्लों में भी सजावट और सबीले लगाई जा रही है जहां दसों दिन न्याज के दौरान पानी व शर्बत पिलाया जावेगा। मोहर्रम के 10 दिन समुदाय की बुजुर्ग महिलाएं रोजा भी रखेगी।
यह जानकारी देते हुए दाऊदी बोहरा जमात के प्रवक्ता अनिस मियांजी ने बताया कि हिज़री सन् नर्व वर्ष की शुरूआत से पहले 04 नवम्बर की पूर्व संध्या पर रविवार 3 नवम्बर को न्याज और मजलिस का आयोजन होगा। 04 नवम्बर से प्रारम्भ होने वाले 10 दिनों के गमजदा लम्हों में प्रत्येक दिन सुबह 10ः30 से 1.30 बजे तक वजीहपुरा मस्ज़िद में कर्बला के शहीदों को याद करते हुए मुल्ला पीर वाअज फरमाएंगे। शाम को 4 से 5ः30 बजे तक रसूलपुरा मस्ज़िद में समुदाय की महिलाओं की मजलिस होगी जिसमें मरसिया ख्वानी के अलावा डॉ. जैनब बानो, जीनत खाखडवाला इत्यादि की तकरीरे पेश करेंगी। शाम को सामूहिक न्याज का आयोजन होगा व रात 9 से 11 बजे तक वजीहपुरा मस्ज़िद में मजलिस होगी जिसमें डॉ. इरफान अलवी, अली असगर खिलौनावाला तकरीर पेश करेंगे। साथ ही असगर अली जावरियावाला पार्टी, मोएज जरी पार्टी, मुजाम्मिल पार्टी और दिगर जाकरीन इमाम हुसैन (अ.स.) की शहादत में मरसिया व मातम पढ़ेंगे और तकरीरे की जाएंगी। मोहर्रम की सातवी तारीख 10 नवम्बर को करबला के शहीदों की याद में विशाल रक्तदान शिविर आयोजित किया जावेगा। दाऊदी बोहरा जमात की महिलाएं दसों दिन काले कपड़े पहन कर गम का इजहार करेंगी।