उदयपुर। एक किशोरी अपनी लाज बचाने की खातिर तीन बदमाशों से जूझती रही। काफी देर तक संघर्ष किया। इस दौरान वह चिल्लाई, बदमाशों से हाथापाई की और आखिर में अपने नाखूनों को ही हथियार बनाते हुए स्वयं को बचाने का प्रयास किया। बदमाशों को नाखून से खरोचा तो कभी हाथ और पैर चलाते हुए अपना बचाव किया। किशोरी ने तीनों बदमाशों से हाथापाई किया। इस दौरान बदमाशों ने उसके गाल पर थघ्पड़ भी लगाए। बांसवाड़ा से करीब 15 किमी दूर सेनावासा गांव में एक किशोरी को अकेले देखकर तीन बदमाशों ने सामूहिक ज्यादती करने का प्रयास किया। इस घटना में करीब पौने घंटे तक किशोरी ने बदमाशों से खुद को बचाने का प्रयास किया। आखिर में वह जोर जोर से चिल्लाई, जिसके बाद कुछ लोग दौड़कर आए, तब जाकर बदमाश भाग गए। इस दौरान वह साहसी बनी रही। यह घटना सेनावासा गांव में 26 जनवरी की है। इस वारदात से आक्रोशित हुए लोगों ने नेशनल हाइवे 113 को जाम कर दिया। आखिर में विधायक और पुलिस अफसरों द्वारा समझाइश करने के बाद मार्ग को खोला गया। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को रविवार को ही गिरफ्तार कर लिया है। सेनावासा निवासी गटा बामनिया को गिरफ्तार किया है।
जबकि बाकी आरोपियों के गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे है। इस संबंध में पीडि़त के बड़े पापा की ओर से सदर थाने में मामला दर्ज करवाया गया है।
ऐसे हुआ घटनाक्रम
गणतंत्र दिवस के दिन किशोरी दोपहर में अपने खेत से घास लेने के लिए गई थी। इसी दरमियान तीन युवक आए और पीछे से उसका गले में पड़ी चुंदी निकालकर उसके मुंह पर बांध दिया। लड़की के तीनों से काफी देरी तक जूझ कर मुंह से कपड़े को हटाकर चिल्लाने पर आसपास के लोग दौड़े। जिसे देखकर तीनों मौके से फरार हो गए।
इसके पहले किशोरी खेत से घास को एकत्रित कर रही थी। इसी बीच तीन युवक वहां से आए और बातचीत करना शुरू कर दिया। उनमें से एक युवक किशोरी के पीछे गया और उसके दोनों हाथ पकड़ लिए। दूसरे युवक ने गले की चुंदी निकाली और उसके मुंह को बांध दिया। तीनों मिलकर उसके पास के मक्के की फसल में ले जाकर गैंगरेप का प्रयास किया। किशोरी ने संघर्ष करते हुए किसी तरह से मुंह की चुंदी निकाल ली और जोर जोर से चिल्लाने लगी। आवाज सुनकर आसपास के खेतों में काम कर रहे लोग भागे। यह देखकर तीनों आरोपी मौके से फरार हो गए।
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