उदयपुर। रेलवे ने तत्काल टिकट को दलालों से मुक्त करने के लिए लाख कदम उठा लिए हो, लेकिन अब भी शहरवासी तकनीकी खामियों के चलते दलालों की शरण में जाने के लिए मजबूर है। इसका मुख्य कारण है कि किसी की निजी आईडी से अगर कोई तत्काल टिकट लेना चाहे, तो नहीं मिल पाता। उसके लिए खुद को जाना जरूरी होता है। दूसरा सुबह जैसे ही टिकट बुकिंग शुरू होती है। इंडियन रेलवे केटरिंग एंड ट्यूरिज्म (आईआरसीटीसी) की वेबसाइट स्लो हो जाती है। लोग वेबसाइट खुलने का इंतजार करते हैं, जब आधा घंटे एक घंटे में साइट खुलती है, तो वेटिंग आ चुकी होती है। अधिकारियों का कहना है कि इसका प्रमुख कारण है कि आईआरसीटीसी ने अब तक अपना सर्वर नहीं बदला है। पुराने सर्वर के भरोसे ही काम चल रहा है। इस कारण साइट पर जैसे ही 10 बजे टिकट का लोड बढ़ता है। यह हैंग हो जाती है। इस कारण उन्हें कंफर्म टिकट नहीं मिल पाता है। इस कारण मजबूरन यात्रियों को दलालों के पास जाना पड़ता है। फिर खुद यात्रा करने वाले को रेल्वे स्टेशन जाना पड़ता है, जहां तत्काल के लिए घंटों पहले लाइन में खड़ा रहना पड़ता है।
पिछले दिनों बढ़ाई थी सर्वर की स्पीड: आईआरसीटीसी ने करीब छह माह पहले सर्वर को पहले से काफी अपग्रेड किया था। पहले ड्यूल कौर सर्वर था, जिसे हैक्साकौर कर दिया गया। इससे सर्वर की स्पीड बढ़ी है। पहले आठ जीबी का रैम था, जो अब 64 जीबी का हो गया। इसके लिए 10 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। फिर भी इसका लाभ नहीं मिला पाया है। यात्री तत्काल टिकट के लिए परेशान हो रहे हैं।
बढ़ेगी परेशानी: आने वाले त्योहारी सीजऩ में तत्काल टिकट के लिए परेशानी और अधिक होगी। आगे ईद, दुर्गा पूजा महोत्सव, दीपावली जैसे महत्वपूर्ण त्योहार आ रहे हैं। ऐसे में लोगों का ट्रेनों में आवागमन बढ़ेगा। इस कारण तत्काल टिकट के लिए अधिक मारामारी मचेगी।
॥सर्वर की स्पीड सही है। वेबसाइट हैंग होना लोकल परेशानी हो सकती है। इसकी स्पीड और बढ़ाने की जरूरत है। 2000 टिकट प्रति मिनट टिकट लिए जा सकते हैं। अगले साल मार्च तक सर्वर को फिर अपग्रेड किया जाएगा। इसमें अल्ट्रा मॉडर्न हार्डवेयर यानी न्यू जेनरेशन लगाया जाएगा। इससे स्पीड बहुत अधिक हो जाएगी। इसके बाद करीब सात हजार टिकट प्रति मिनट लिए जा सकेंगे।
-प्रदीप कुंदु, पीआरओ, आईआरसीटीसी
दलाली में उलझे रेलवे के तत्काल टिकट
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