न्यूज़ पोस्ट जयपुर . एकतरफस्वाइन फ्लू बेकाबू होने के साथ ही लोगों का काल बना हुआ है, वहीं मॉनिटरिंग, नियंत्रण बचाव के लिए गठित ‘स्टेट लेवल टास्क फोर्स’ को सरकार भूल गई है। फरवरी-2015 में गठित स्टेट लेवल टास्क फोर्स की इस साल में एक भी बैठक नहीं हुई। लगातार पॉजिटिव केस मौत के मामलों के बढ़ते ग्राफ के कारण बीमारी रोकने के दावे फेल हो रहे हैं। चौंकाने वाली जानकारी यह है कि इस साल सिर्फ सितंबर माह में ही 1,807 पॉजिटिव केस मिले। इनमें से 90 की मौत हुई है। पिछले 9 साल में इतने ज्यादा पॉजिटिव केस नहीं मिले हैं। वर्ष -2015 के फरवरी माह में राज्य में 5,311 पॉजिटिव केस मिले थे। इसमें से 247 की मौत हो गई थी और मार्च में 1055 केसेज में से 112 लोगों की मौत हुई। जबकि इस साल अब तक 2,892 पॉजिटिव में से 226 की मौत हो चुकी है।
दो साल पहले घातक हुआ फ्लू तो बनाई राज्य और जिला स्तर पर टास्क फोर्स
फरवरी-2015में स्वाइन फ्लू की मॉनिटरिंग, प्रीवेंशन एवं नियंत्रण के लिए स्टेट लेवल टास्क फोर्स (एसएलटीएफ) का गठन किया गया था। कमेटी में प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य), मेडिकल शिक्षा सचिव, चिकित्सा निदेशक (जन स्वास्थ्य आईईसी), एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, एसएमएस अस्पताल अधीक्षक, विभागाध्यक्ष ( पीएसएम, मेडिसन माइक्रोबायलोजी) सदस्य शामिल है। कमेटी को रोजाना पॉजिटिव केसेज, मौत, दवा की उपलब्धता, जांच पर विशेषज्ञों से सुझाव लेकर नियंत्रण के लिए निर्देश जारी करना था। इसी तरह से संभाग जिला स्तर पर भी टास्क फोर्स का गठन किया गया था।
इस मामले देनिक भास्कर में छापी खबर के अनुसार जब उन्होंने चिकित्सा मंत्री काली चरण सर्राफ से बात की तो उनका कहना है कि हम भूले नहीं है, स्वाइन फ्लू के लिए वर्ष -2015 में गठित स्टेट लेवल टास्क फोर्स को दिखवाता हूं। पॉजिटिव मौत के आंकड़ों की रोजाना मॉनिटरिंग की जा रही है। अधिकारियों को दवा और जांच की उपलब्धता के निर्देश दिए गए है।