महिलाएं खुद हो या उनकी तस्वीरें, इन्हें ज्यादा देर घूरना सेहत के लिहाज से खतरनाक हो सकता है।
महिलाओं को आमतौर पर उनकी शारीरिक बनावट के आधार पर आंका जाता है। इसे अक्सर कामुकता से भी जोड़ा जाता है और यहां तक कि महिलाओं के सिर्फ शारीरिक अंगों को ही देखा जाता है।
लिहाजा कई बार नकारात्मक नतीजे भी भुगतने पड़ते हैं। यह निष्कर्ष है पुरूषों व महिलाओं पर किए गए एक शोध के। यह शोध अमरीका के सिनसिनाटी विश्वविद्यालय ने किया। शोध मनोविज्ञान पत्रिका फ्रंटियर में छपा है।
दिक्कत कहां
सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान कार्यक्रम की शोधार्थी मेरी जेन अमॉन ने कहा, महिलाओं को घूरने से तुरंत नकारात्मक असर यह होगा कि आत्मविश्वास में गिरावट आ सकती है। मस्तिष्क की सक्रियता में कमी हो सकती है।
खुद के लिए भी खतरनाक
अमॉन की मानें तो असल में महिलाओं को घूरा जाना अन्य लोगों के लिए घातक है ही, खुद महिलाओं के लिए भी ज्यादा खतरनाक है। ऎसा लंबे समय तक होने पर महिलाएं खुद के फिगर के आधार पर मूल्यांकन करना शुरू कर देती हैं।
दो समूहों में बांटा
शोध में लोगों को दो समूहों में बांटा गया। पहले में कॉलेज छात्र-छात्राएं तो दूसरे में केवल छात्र शामिल थे। दोनों समूहों केसामने तस्वीरें खींची गई। इनसे दृश्य उत्तेजना से जुड़ी जांच पर मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रिया मांगी गई। लोगों, प्राकृतिक दृश्य, कला, जानवर और कार्टूनों की तस्वीरें दिखाई गई। फिर इनकी प्रतिक्रिया ली गई।
यह निकला निचोड़
पुरूषों के मुकाबले महिलाओं की तस्वीरें ज्यादा और लंबे समय तक देखी जाती है।
पुरूष-महिला समूहों में भी महिलाओं की तस्वीरें ज्यादा बार देखी जाती है।
महिलाओं की तस्वीरों को सबसे पहले व आखिर में भी देखा गया। ऎसा करने वाले पुरूष्ा व महिलाएं बराबर थी।