उदयपुर/जयपुर. लोकायुक्त एस.एस. कोठारी ने उदयपुर जिले की पड़ावली कलां पंचायत में सरकारी कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों के नाम से नरेगा जॉब कार्ड बनाने के मामले में प्रसंज्ञान लेते हुए स्पेशल ऑडिट के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के प्रमुख शासन सचिव से एक माह में तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है।
इस खुलासे के बाद प्रसंज्ञान लेते हुए लोकायुक्त ने विशेष ऑडिट जांच दल गठित कर यह बताने को कहा है कि पड़ावली कलां में कितने परिवारों के जॉब कार्ड बने और कितने निरस्त किए गए। उनकी सूची और निरस्तीकरण की तारीख भी बताई जाए।
उन्होंने पता लगाने को कहा है कि ग्राम पंचायत में कितने सरकारी कर्मियों के जॉब कार्ड बनाए गए और उन्हें कब निरस्त किया गया। यह भी पूछा गया है कि मस्टररोल में किन-किन कर्मियों के नाम अंकित किए गए और उन्हें कब-कब, कितनी-कितनी राशि का भुगतान किया गया। लोकायुक्त ने सरकारी कर्मियों के नाम से जॉब कार्ड जारी करने हेतु जिम्मेदार कर्मियों और जनप्रतिनिधियों की सूची भी सौंपने को कहा है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि इस प्रकरण में विभिन्न लोकसेवकों का उत्तरदायित्व निर्धारित कर दोषी लोकसेवकों के खिलाफ नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
गौरतलब है, भास्कर ने पिछले दिनों खुलासा किया था कि पड़ावली कलां में सीआईडी थाना प्रभारी से लेकर सरकारी स्कूलों के अध्यापक, प्रधानाध्यापक, वन विभाग के कर्मचारी और जन प्रतिनिधियों के जॉब कार्ड भी नरेगा के तहत बन गए हैं। कुछ के तो मस्टररोल भी इश्यू हो गए और खाते खुलवाकर काम के बदले भुगतान भी उठा लिया गया। पात्र लोगों के परिवार के वेरिफिकेशन का जिम्मा ग्राम पंचायत का था, लेकिन पंचायत समिति और जिला परिषद स्तर तक किसी ने ध्यान नहीं दिया।