दिल्ली में रविवार को एक लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना पर लोगों का गुस्सा फूट रहा है. राजधानी दिल्ली समेत पूरे देश में इस घटना की निंदा हो रही है. पुलिस को गुस्साए प्रदर्शनकारियों से निपटने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है
बलात्कार पीड़ित के समर्थन में मुंबई में हस्ताक्षर मुहिम चलाई जा रही है. दिल्ली की इस घटना ने पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर नए सिरे बहस तेज कर दी है. उधर बलात्कार पीड़ित का दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज चल रहा है और उसकी हालत अब भी गंभीर बनी हुई है.रविवार रात को फिजियोथेरेपी की पढ़ाई कर रही इस लड़की का दिल्ली में चार लोगों ने एक चलती बस में ‘बर्बरता’ से बलात्कार किया. आम जनता में इस मुद्दे पर काफी रोष है और वे महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े उपाय किए जाने के लिए दबाव डाल रहे हैं.
प्रदर्शनकारी बलात्कारियों को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं. दिल्ली के इंडिया गेट पर भी प्रदर्शनों की खबर है.
दिल्ली को महिलाओं के लिए असुरक्षित शहर माना जाता है. आए दिन राजधानी में बलात्कार की खबरें मिलती हैं. सार्वजनिक स्थलों और वाहनों में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ एक बड़ी समस्या है.
दिल्ली में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतरी और दिल्ली के अलावा केंद्र में कांग्रेस की नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना कर रही है. भाजपा की महिला कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे पर बुधवार को अपना गुस्सा जताया.उधर बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने संसद के भीतर उन क़दमों की जानकारी दी जो इस तरह की घटनाओं को फिर होने से रोकने के लिए उठाए जा रहे हैं. पुलिस ने अभी तक इस मामले में चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है जबकि दो अब भी फरार हैं.
बुधवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के घर के बाहर भी प्रदर्शन हुए जिन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिस को पानी की बौछारों का सहारा लेना पड़ा.
दिल्ली पुलिस के मुख्यालय के बाहर भी सुबह से ही बड़ा प्रदर्शन हुआ जिसके कारण दूर-दूर तक की सड़कों का यातायात प्रभावित हुआ. प्रदर्शकारियों के गुस्से को देखते हुए मुख्यालय के बाहर सुरक्षा खासी चाक चौबंद दिखी.
सामूहिक बलात्कार के मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई है. अदालत ने कहा, “पुलिस और न्यायापालिका में जनता का विश्वास खत्म हो रहा है. इस घटना से पहले पुलिस क्या कर रही थी?”