उदयपुर। शहर में ब्याज माफिया के होसले इतने बुलंद है कि कानून और उसके रखवालों को ये ब्याजखोर टुच्चे अपनी जेब में रखने का दावा करते है। और दावा करें भी क्यूँ नहीं जब इन पर संगीन जुर्म साबित होने के बावजूद कोई कारवाई नहीं होती। और कानून के रखवाले रुपयों के दम पर इन ब्याज खोरों के रखवाले बन जाते है। एसा ही एक मामला अम्बा माता थाणे का सामने आया है जिसमे जरूरत मंद इंसान को २५ लाख रूपये ब्याज पर दिए और उससे 80 लाख रूपये के मकान पर धोखे से कब्जा जमा लिया।
दरअसल अम्बामाता थाना क्षेत्र में रहने वाले ललित प्रकाश पालीवाल ने किसी के पैसे चुकाने के लिए हाथीपोल क्षेत्र के एक सूदखोर से 25 लाख रूपए चार प्रतिषत ब्याज की दर पर पर लिए थे और उसके एवज में गारंटी के तौर पर अपने बेशकीमती मकान की रजिस्ट्री सूदखोर के परिचित के नाम करवा ली, लेकिन सूदखोर गैंग ने शनिवार को बेबस ललित प्रकाष के मकान के ताले तोड़ दिए और सारा सामान बाहर निकालकर वहां पर निर्माण कार्य शुरू करवाने लगे। हालाकी सूचना मिलते ही अम्बामाता थाना पुलिस मौके पर पंहुची और आॅटो में रखे सामान को जब्त करते हुए वहां मौजूद सभी लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। अब पूरे परिवार को अम्बामाता थाना पुलिस से ही इंसाफ मिलने की आस है।
सूदखोर रामचंद्र तेली, भरत खटीक और उसकी गैंग की कब से नजर प्रकाश पालीवाल के मकान पर थी। पूरे सुनियोजित तरीके से इस गैंग से जुड़े लोग ललित प्रकाश और उसके परिवार को फांसने में कामयाब रहे। न्यू रामपुरा क्षेत्र की मैन रोड़ पर आने वाले इस बेशकीमती मकान की कीमत करीब 80 लाख रूपए बताई जा रही है। ललित प्रकाश पालीवाल की माने तो उनके पास में ही रहने वाले प्रशांत यादव से उसके पंद्रह लाख रूपए ब्याज पर लिए है तो जो प्रषांत यादव में कुछ ही दिनों में बढ़ाकर करीब 23 लाख कर दिए। पैसे नहीं चुका पाने और बार – बार प्रषांत यादव द्वारा दबाव बनाए जाने से पूरा पालीवाल परिवार परेशान होने लगा। इस पर प्रशांत यादव ने ही सूदखोर रामचंद्र तेली, भरत खटीक से ललित प्रकाष पालीवाल को मिलवाया और जिसने 4 प्रतिशत ब्याज की दर पर करीब 25 लाख रूपए ललित प्रकाष पालीवाल के खाते में डलवाए और गारंटी के तौर पर न्यू रामपुरा में स्थिल पालीवाल के बेशकीमती मकान की रजिस्ट्री मौखिक रूप से तीन महीने में पैसे नहीं चुका पाने की शर्त पर करवा ली। वहीं पालीवाल के खाली साईन किए हुए पूरी चैकबुक भी भरत खटीक ने रख ली। हालाकि इस मकान के दोनों तरफ रास्ते है इसलिए शातिर ब्याज माफियाओं और भूमाफियाओं ने दो रजिस्ट्रियां करवाई। जिसके गवाह भी गैंग से ही जुड़े रामचंद्र तेली, हेमन्त पालीवाल, नरेश कुमार शर्मा और नीतिन नैणावा बन गए। वहीं आगे वाली रजिस्ट्री तो चंद्रप्रकाश रांका और पीछे वाली रजिस्ट्री नरेश शर्मा के नाम पर करवा दी। करीब चार पांच दिन पहले जब ललित प्रकाश पालीवाल को रामचंद्र तेली और भरत खटीक ने रामचद्र की होटल पर बुलाया और मकान खाली करने की धमकी देने लगे इस पर जब ललित पालीवाल ने कहा कि ब्याज की तारिख में भी अभी समय है उस पर उन्होंने कहा कि अब मकान हमारा हो गया है। यह सुनकर तो मानो ललित प्रकाष पालीवाल के पैरों तले से जमीन खिसक गई हो उसने काफी गुहार की लेकिन इन सूदखोरों का दिल नहीं पसीजा। शनिवार को तो इन्होंने हद ही पार कर दी और न्यू रामपुरा के उस मकान के ताले तोड़कर सारा सामान बाहर फैक दिया। जिसकी रजिस्ट्री करवाई थी। इस पर पालीवाल ने अम्बामाता थाने में सूचना दी। सूचना मिलते ही थाने का जाब्ता मौके पर पंहुचा और आॅटो में सामान भरते लोगों को हिरासत में लिया और आॅटो सहित सभी को थाने ले आई। बाद में ललित प्रकाष पालीवाल ने थाने में रामचंद्र तेली, भरत खटीक, राकेष हरिजन, नितेष षर्मा, चंद्र प्रकाष रांका, नरेष षर्मा के खिलाफ कानूनन कारवाई कर उचित न्याय की रिपोर्ट दर्ज करवाई है। इस पर अम्बामाता थाना पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर अग्रिज जांच शुरू कर दी है।
लुटेरे बने हुए है शहर में ब्याज माफिया, नहीं खोफ किसी कानून का – मजबूर को बनाते है शिकार।
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