देहलीगेट स्थित पुलिस कंट्रोलरूम के पास से गत 24 अप्रैल को गिर्वा तहसीलदार के यहां नियुक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के बेटे का अपहरण कर लिया गया। उसे ट्रक सवार युवकों ने बेहोश कर अजमेर के पास एक ढाबे पर बेच दिया था। कचरा डालने के बहाने निकलकर बच्चा जैसे तैसे मदद लेकर स्वरूपगंज पहुंचा, जहां से परिजन उसे लेकर आए।
गिर्वा तहसीलदार कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कोटड़ा हाल धोलीबावड़ी निवासी एजाज खान का बेटा मोइन (13) गत 24 अप्रैल को नारियल लेने देहलीगेट गया था। वापस नहीं लौटने और कहीं से भी खैर खबर नहीं मिलने पर उसके गुमशुदगी की रपट धानमंडी थाने में दर्ज कराई थी।
रविवार को मोइन स्वरूपगंज में अपने रिश्तेदार के यहां पहुंचा, जहां से परिजन लेकर लौटे। यहां मोइन ने अपहरण होने और ढाबे पर बेचने का खुलासा किया है। परिजनों ने पुलिस को फोन पर मोइन के मिलने की सूचना की है। उसे पुलिस के समक्ष सोमवार को पेश किया जाएगा। मोइन ठीक से ढाबे का पता नहीं बता पा रहा, लेकिन उसने बताया कि रोड पर जनमगढ़ जिला अजमेर का बोर्ड लगा हुआ था। ढाबे पर कोई बोर्ड नहीं था। ढाबे पर दो बंदर, दो कुत्ते सहित तोते कबूतर आदि पशु-पक्षी पालतू है।
कचरा फेंकने के बहाने ढाबे से भाग निकला और पहुंचा रिश्तेदार के घर
मोइन ने परिजनों को बताया कि पुलिस कंट्रोल रूम के पास रात आठ बजे उसके पास एक मिनी ट्रक आकर रुकी थी। एक बदमाश ने मुंह दबाकर उसे ट्रक में डाल दिया। रातभर वह बेहोश रहा। सुबह उसे एक ढाबे पर ले गया। अंदर ले जाकर वहां काम करने और भागने की कोशिश नहीं करने की हिदायत दी थी। कहा था कि पांच हजार मिलेंगे। बदले में उसे दस हजार मिलते हैं। वहां ढाबे पर सौंपकर वह व्यक्ति चला गया। वहां प्याज काटने से लेकर पलंग पर लगे पटने साफ किए, शराब की बोतलें फिंकवाई। 26 अप्रैल की रात को कचरा डालने बाहर निकाला था। उस समय उसने दूर गाडिय़ों की लाइट देखी और भाग निकला।
परिजन स्वरूपगंज से लाए
काफी दूर तक दौडऩे के बाद फोरलेन आया। एक ऑटो वाले ने मदद की और जहां गाडिय़ां खड़ी थी, वहां छोड़ा। वहां मोइन ने रोना शुरू कर दिया। किसी ने बस में बैठा दिया और कुछ रुपए दिए। बच्चा पिंडवाड़ा से स्वरूपगंज रिश्तेदार के यहां पहुंचा। रविवार को परिजन वहां पहुंचे ओर उसे लेकर कोटड़ा गांव पहुंचे।