उदयपुर. मादक पदार्थ व हथियारों की तस्करी के गढ़ मध्यप्रदेश के मंदसौर में महज कुछ रुपयों की खातिर बड़े से बड़े व्यक्ति की सुपारी लेकर हत्या करते को बहुत को देखा है, लेकिन एक मरते इंसान को बचाने का हौसला सिर्फ मेवाड़ की धरती में है। इस साबित किया है उदयपुर के खांजीपीर क्षेत्र में रहने वाले ऑटो चालक मोहम्मद आजाद व फिरदौस खां ने। मंदसौर के पूर्व विधायक राजेन्द्रसिंह सिसोदिया ने ये भावनाएं अभिव्यक्त की हैं। उन्होंने कहा कि दोनों ऑटो चालकों ने इंसानियत दिखाते हुए चलती गाड़ी में हृदयघात से गिरे मेरे पौत्र पराक्रमसिंह सिसोदिया को तुरंत सहायता की।
हालांकि दुर्भाग्य से उसे बचाया नहीं जा सका। तमाशाबीन भीड़ के बीच दोनों ने गाड़ी का कांच फोड़कर पराक्रम को न केवल बाहर निकाल कर अस्पताल पहुंचाया, बल्कि उसके पास रखे 80 हजार रुपए नकद, 55 हजार रुपए का मोबाइल, दस हजार की घड़ी, आठ हजार का चश्मा तथा आठ-आठ ग्राम सोने की तीन पुरानी अशरफियां सहित कुल 24 ग्राम सोना परिवार को लौटाकर ईमानदारी का परिचय भी दिया।
पराक्रम के दाह संस्कार एवं अन्य रीति-रिवाज पूरे कर डेढ़ माह के बाद पूर्व विधायक सिसोदिया सपरिवार उदयपुर आए और मंगलवार को दोनों चालकों का सार्वजनिक रूप से सम्मान किया। सम्मान पाकर चालकों की भी आंखें छलक गईं। वे बरबस ही बोले पड़े, आज तक कइयों की मदद की, लेकिन शाबासी देने और हौसला बढ़ाने के लिए कभी कोई वापस नहीं आया।
अपनों ने अनदेखा किया, बेगानों ने की मदद
सिसोदिया ने बताया कि उदियापोल के निकट पराक्रम की अचानक तबीयत बिगड़ी और उसका हार्टफेल हो गया। उसने कार को साइड में लेकर न्यूट्रल किया और निढाल होकर स्टेयरिंग पर गिर गया। मौके पर जाम लग गया और भीड़ एकत्र हो गई। इस दौरान उनके रिश्तेदार गुजरे और उनकी नजर गाड़ी पर भी पड़ी, लेकिन वे आगे बढ़ गए। एेसे स्थिति में सड़क की दूसरी तरफ खड़े चालक आजाद व फिरदौस दौड़े।
आजाद ने गाड़ी का कांच फोड़कर पराक्रम को निकाला और एम्बुलेंस से एमबी चिकित्सालय पहुंचाया। रास्ते भर में फिरदौस पराक्रम के सीने को दबाते हुए उसकी सांस वापस लेने का भरसक प्रयास किया। लेकिन अस्पताल पहुंचते ही चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
Akhtar bhai in do logo ko shabashi.zameen per manav to bahut badh rahe he,par insaan kam hi hote.in dono ke mata pita gurudev ki jay ho.jinho ne inhe achha insan banaya.or aap kese ho?zameen mata ki jay ho.