कोई विद्यार्थी घर से स्कूल के लिए निकलता है, लेकिन रास्ते में कहीं और रूक जाता है।
क्लास में नहीं आता, हाजिरी कम हो रही है या टेस्ट-परीक्षा में कम नम्बर आ रहे हैं, तो इसके लिए अभिभावकों के पास सम्बन्घित स्कूल का एसएमएस आएगा।
इससे तत्काल विद्यार्थी की स्थिति पता चल सकेगी कि वो कितना पानी में है? यह संभव होगा शाला दर्पण योजना से। शिक्षा विभाग इस योजना में प्रदेश के उन दो हजार राजकीय माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों को शामिल कर रहा है, जहां आईसीटी प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इसके अलावा 66 विवेकानंद आदर्श विद्यालय भी शाला दर्पण से जुड़ेंगे।
ले रहे परिजनों के मोबाइल नम्बर
प्रोजेक्ट का संचालन राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत होगा। इसके तहत एसएमएस पोर्टल में अभिभावक के मोबाइल नंबंर दर्ज किए जाएंगे।
यदि कोई विद्यार्थी लगातार अनुपस्थित रह रहा है तो इसकी जानकारी अभिभावक के मोबाइल पर एसएमएस से दी जाएगी। दो बार मैसेज के बाद भी जवाब नहीं आता है तो संबंधित शाला के प्रतिनिधि अभिभावक को फोन करेंगे।
विद्यार्थी प्रोग्रेस रिपोर्ट भी अभिभावक को मैसेज से दी जाएगी। अभिभावक बैठक की सूचना भी एसएमएस पोर्टल से ही मिलेगी।
शिक्षक की बॉयोमेट्रिक हाजिरी
प्रोजेक्ट में शामिल स्कूलों में शिक्षकों की हाजिरी के लिए बॉयोमेट्रिक सिस्टम होगा। यदि कोई अवकाश पर है तो इसकी जानकारी एसएमएस पोर्टल पर मोबाइल से मेसेज कर देनी होगी। शिक्षको को अवकाश लेने का कारण भी स्पष्ट करना होगा। सरकारी स्कूलों में कई शिक्षकों की हाजरी को लेकर संशय बना रहता है।