उदयपुर. नियमन के नए नियमों के लागू होने के साथ ही पड़ोसियों के झगड़े खत्म हो जाएंगे। जो भी व्यक्ति सेट बैक में जितना निर्माण करेगा, पड़ोसी को भी उतने ही निर्माण की अधिकृत स्वीकृति जारी कर दी जाएगी।
बहुमंजिला इमारतों में स्वीकृति के बिना निर्मित किसी भी मंजिल का नियमन नहीं किया जाएगा। ऐसे निर्माण को नगर निगम व यूआईटी द्वारा ध्वस्त किया जा सकता है। मॉडल नगरीय क्षेत्र भवन (अनियमित निर्माण / नियमबद्धता / नियमितिकरण) उपविधियां 2013 में इन नियमों को शामिल किया गया है।
राज्य सरकार ने सभी निकायों को इन नियमों की पालना के निर्देश जारी कर दिए हैं। अब निगम ने नए नियमों के अनुरूप नियमन करने की तैयारी शुरू कर दी है। मास्टर प्लान में दर्शाए गए भू उपयोग से विपरीत किए गए निर्माण का नियमन नहीं किया जाएगा। नए प्रावधान नगरीय क्षेत्र की चारदीवारी को छोड़कर शेष समस्त क्षेत्र में प्रभावशाली होंगे।
अतिरिक्त मंजिल का नियमन नहीं हो सकेगा
15 मीटर व इससे अधिक ऊंचाई के आवासीय भवन में यदि किसी निर्माणकर्ता ने 10 प्रतिशत तक स्वीकृति विपरीत निर्माण करवा लिया है तो उसका तो निर्धारित शुल्क जमा करवाने पर ही नियमन हो सकेगा। हालांकि किसी ने स्वीकृति के विपरीत अतिरिक्तमंजिल का निर्माण कर लिया है तो उसका नियमन नहीं किया जाएगा!
लगेगा अंकुश
नए नियम लागू होने से शहर में स्वीकृति विपरीत निर्माण व उसके नियमन के खेल पर अंकुश लग सकेगा। शहर में अभी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जहां स्वीकृति विपरीत दो या दो से अधिक मंजिलें बन चुकी हैं। जिनका नियमन भी हो चुका है।
पार्किंग की जगह नहीं छोड़ी तो नहीं होगा नियमन
15 मीटर तक की ऊंचाई के भवन में 10 कारों की पार्किंग की स्वीकृति है और यदि 8 कारों की पार्किंग की ही जगह छोड़ी है तो भी नियमन नहीं किया जा सकेगा। एक कार की कमी तक छूट मिल सकती है। इधर, 15 मीटर से अधिक ऊंचाई के भवन में निर्धारित कारों की संख्या से तीन कार कम की पार्किंग की जगह छोडऩे पर छूट मिल सकेगी।
इससे अधिक कारों की पार्किंग की जगह नहीं होने पर नियमन नहीं होगा। ये प्रावधान 300 वर्ग मीटर से अधिक बड़े भूखंडों पर लागू होंगे। 300 वर्ग मीटर से छोटे भूखंडों को पार्किंग के नियम से मुक्त रखा जाएगा।
पार्किंग पर सख्ती
बहुमंजिला भवनों में पार्किंग के लिए स्थान रखने का प्रावधान होने के बावजूद कई लोग पार्किंग स्थल पर दुकानें बनाकर बेच देते हैं या पार्किंग के लिए छोड़े गए स्थान पर ही निर्माण करवा लेते हैं। इससे पार्किंग की समस्या खड़ी हो जाती है। नए नियमों से पार्किंग स्थल के प्रावधान की सख्ती से पालना होगी। इससे पार्किंग की समस्या पर काफी हद तक अंकुश लग सकेगा।
सेट बैक में निर्माण के नियमन का दायरा तय
किसी व्यक्ति को दस फीट फ्रंट सेट बैक छोडऩा था लेकिन उसने 8 फीट ही छोड़कर निर्माण कर लिया है तो दो फीट में हुए अतिरिक्त निर्माण का नियमन हो सकेगा, मगर इससे ज्यादा निर्माण का नियमन नहीं हो सकेगा।
15 मीटर तक की ऊंचाई के किसी भवन के साइड (दायीं, बायीं तरफ) सैट बैक में 25 प्रतिशत तक का नियमन हो सकेगा।
15 मीटर की ऊंचाई तक के भवन के पीछे सैट बैक में 50 प्रतिशत एरिया तक नियमन हो सकेगा।
ये प्रावधान भी
बिना स्वीकृति निर्माण का नियमों के अनुसार निर्धारित दायरे का ही नियमन हो सकेगा। बालकनी की चौड़ाई, एफएआर (फ्लोर एरिया रेशो), निर्धारित एरिया से अधिक बेसमेंट बनाने, नियमों से ज्यादा छज्जे निकालने व बिना अनुमति अतिरिक्त पोर्च निर्माण करने पर भी नियमन का दायरा तय किया गया है। अस्पताल व स्कूल जैसे संस्थागत भवनों में नियमन पर आवासीय दर से शुल्क वसूला जाएगा। औद्योगिक एवं होटल परिसर के नियमन पर डेढ़ गुना शुल्क वसूला जाएगा।