आज होगा जिला कलेक्ट्री पर प्रदर्शन
सरकार ने की सरकारी चिकित्सालय में ईलाज की पेशकश
पीडित प्रतिकर योजना के तहत सहायता को लेकर डीजे ने ली बैठक
उदयपुर, तेजाब पीड़िता शालिनी जैन उर्फ़ शालू का आमरण अनशन जिला कलेक्ट्री के बाहर सोमवार को चौथे दिन भी जारी रहा। वहीं मेडिकल टीम ने आज शालू का यूरिन टेस्ट लिया। पी$िडता के समर्थन में विभिन्न संगठनों द्वारा मंगलवार को जिला कलेक्ट्री पर विरोध- प्रदर्शन भी किया जाएगा।
माकपा पार्षद राजेश सिंघवी ने बताया कि शालू जैन द्वारा जारी आमरण अनशन के समर्थन में मंगलवार को १२ बजे कलेक्ट्री पर प्रदर्शन किया जाएगा। प्रदर्शन में विभिन्न जन संगठनों को जो$डा जाएगा। इस संबंध में गुरूवार को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की उदयपुर की प्रस्तावित यात्रा के दौरान एक प्रतिनिधि मण्डल भेंट करेगा एवं तेजाब पी$िडता को मुआवजे की राशि व आवास की मांग को उनके सामने रखा जाएगा।
अनशन पर बैठी शालू जैन ने का कहना है कि पुलिस व प्रशासन द्वारा उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। उसने बताया कि रविवार रात को भी उसे जबरदस्ती अनशनस्थल से उठाने की कोशिश की गई है परन्तु कई संगठनों के पदाधिकारियों के वहां पहुंचने सेे प्रशासन ने अपना रवैया बदल दिया।
लगातार चार दिन से अनशन स्थल पर ही बैठी शालू को शहर के विभिन्न संगठनों का समर्थन मिल रहा है। अनशनस्थल पर विभिन्न संगठन उनसे मिलने पहुंच रहे है।
इधर, तेजाब पी$िडता को पीडित प्रतिकर योजना २०१२ के तहत सहायता दिये जाने को लेकर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित कमेटी की बैठक सोमवार को आयोजित हुई।
बैठक में कमेटी ने तेजाब पी$िडता के अधिवक्ता को अवगत कराया कि वे अवधि को कंडोन करने और नये सिरे से अविलम्ब प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने की कार्यवाही करे जिस पर निर्णय किया जा सके क्योंकि श्रीमती शालू जैन को अंतरित सहायता देने संबंधी प्रार्थना पत्र पूर्व में ही मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा अस्वीकृत कर दिया गया था जिसके विरूद्घ अपर न्यायालय में नियत अवधि में श्रीमती जैन द्वारा कोई रिविजन पेश नहांी किया गया। ऐसी स्थिति में पी$िडता को विधिक रूप से कोई सहायता नही दी जा सकती है।
जिला प्रशासन की पहल पर पुन: श्रीमती जैन के अधिवक्ता को अवगत कराया गया कि सरकारी खर्चे पर स्थानीय एमबी चिकित्सालय या जयपुर के एसएमएस चिकित्सालय में इलाज कराने की पेशकश की जा चुकी है। सोमवार को धरना स्थल पर जिला प्रशासन की ओर से अति. जिला कलक्टर मो. यासीन पठान, महिला एवं बाल विकास उपनिदेशक श्वेता फगेडिया, महिला अधिकारिता कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती रश्मि कौशिश, अति. जिला पुलिस अधीक्षक लखमन राय ने जाकर पुन: इलाज करवाने की पेशकश की।
श्रीमती जैन के अधिवक्ता पराग अग्रवाल एवं अन्य पेरोकार अधिवक्ता राजेश सिंघवी को भी बताया गया कि श्रीमती जैन के साथ हुई घटना वर्ष २००९ की है जो पीडित प्रतिकर योजना २०११ के लागू होने से पूर्व की है। अत: इन्हें किसी प्रकार की सहायता देय होना नही बनती । उन्हें कमेटी की बैठक के निर्णय से अवगत कराया गया कि अब प्रार्थी इस प्रकरण में अनुतोष प्राप्त करने के लिए उच्च न्यायालय में पीटिशन फाइल कर सकती है।