उदयपुर, भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) की जिला कमेटी ने सिंध प्रान्त में साम्राज्यवादी अंग्रेजी सत्ता को उखाड फैंकने के संघर्ष में शहीद हुए हेमु कालानी को शिराली भवन में हुई सभा में श्रद्घाजंलि अर्पित की।
श्रद्घाजंलि सभा में माकपा जिला सचिव बी.एल.सिंघवी ने शहीद हेमु कालानी के जीवन व उसके आजादी के जज्बात को याद करते हुए कहा कि मात्र १८ साल की उम्र में ही अंग्रेजी सत्ता के क्रूर हाथों से शहीद हुए जो पूरे देश का महान सपूत था। वो सारे राष्ट्र के शहीदों में सबसे कम उम्र का शहीद था, जिसके समक्ष आजाद भारत नतमस्तक है। शहीद हेमु कालानी को मात्र सिंधी समाज ही याद करता है, जिससे लगता है कि वो सिर्फ सिंधी समाज का ही शहीद है, जबकि वो साम्राज्यवाद के खिलाफ लडते हुए शहीद हुए अशफाक उल्ला खां आदि की तरह काम करते हुए पकडा गया व शहीदों की कतार में अपना नाम रोशन कर गया।
बैठक में माकपा जिला सचिव ने बताया कि रेल की पटरी पर बम रखते समय १६ साल का कामरेड हेमु कालानी के साथ था जो पकड में नहीं आया और शहीद होने से बच गया, उन्हीं की गवाही से साफ है कि हेमु कालानी के जज्बात अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ कितने तीव्र थे, जो अपनी जान पर खेलने से भी नहीं हिचकिचाया व हंसते हुए शहादत को अंजाम दिया। अफसोस है कि आजादी का फल खाने वाले सत्ताधारी शहीदों को भुलाने में लगे रहे व नकली लोगों को आगे बढाते रहे। सभा में शहीद हेमु कालानी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्घांजलि दी गई।