उदयपुर। मध्यप्रदेश के दमोह जिले की एक नाबालिग युवती को गिरोह ने उदयपुर की मैरिज ब्यूरो संचालिका की मदद से राजसमंद के सेवंत्री गांव में 70 हजार रूपए में बेच दिया। आठ दिन तक युवती के साथ सेवंत्री में ही रहने के बाद मैरिज संचालिका उसे कोटा में छोड़कर भाग निकली। युवती ने जैसे-तैसे अपने घर पहुंचकर मामला दर्ज करवाया। युवती की रिपोर्ट पर पुलिस ने उसे खरीदने वाले मां-बेटे सहित चार जनों को गिरफ्तार किया।
मौके से मैरिज ब्यूरो की संचालिका फरार हो गई, जबकि उसका सहयोगी पुत्र व एक अन्य महिला हत्थे चढ़ गई। दमोह पुलिस ने बताया कि नाबालिग को खरीदने के आरोप में कसार सेवंत्री (राजसमंद) निवासी नरेश पुत्र मिश्रीलाल दवे, उसकी मां प्रभा दवे, उदयपुर के सेक्टर तीन में मैरिज ब्यूरो की संचालिका रजनी शर्मा के पुत्र मनोज व आशा पत्नी रमेश शर्मा को गिरफ्तार किया। फरार रजनी की तलाशी के लिए स्थानीय पुलिस की मदद ली जा रही है।
70 हजार में सौदा
रजनी ने प्रभादेवी के साथ युवती का 70 हजार में सौदा किया। उदयपुर में स्टाम्प व नोटरी करवाकर विवाह संबंधी लिखा-पढ़ी कर ली। दस्तावेजों में नारायण व रामवती ने पीडिता के बड़े पापा-मम्मी बनकर शादी करवा दी। नरेश पीडिता को अपने घर ले गया। वहां विरोध करने पर प्रभा उसे वापस रजनी के पास छोड़ गई। रजनी पीडिता को लेकर कोटा गई और उसे वहां छोड़कर भाग निकली। पीडिता लोगों से पैसे जुटाकर जैसे-तैसे अपने गांव पहुंची और पिता के साथ वहां थाने में पहुंचकर मामला दर्ज करवाया। मध्यप्रदेश के दमोह जिले की पुलिस ने यहां पहुंचकर अलग-अलग जगह दबिश देकर आरोपियों को गिरफ्तार किया।
यह था मामला
उपाधीक्षक सरिता उपाध्याय ने बताया कि पीडिता दमोह में नारायणसिंह लोधी व रामवती के साथ पूडियां बेलने के लिए साथ जाती थी। रामवती की पुत्री वर्षा से नाबालिग के अच्छे रिश्ते थे। वर्षा के माध्यम से दोनो आरोपी इस नाबालिग को बांदरपुर में काम होने का कहकर गांव से ले गए। रास्ते में नशीला पदार्थ पिलाकर उसे कोटा और वहां से ट्रेन में पीडिता को आरोपी उदयपुर लेकर आ गए। यहां उन्होंने उसे सेक्टर-3 निवासी रजनी शर्मा के सुपुर्द कर दिया। रजनी ने उसके यहां शादी के लिए लड़की ढूंढ़ने के आए प्रस्ताव पर राजसमंद के नरेश दवे के परिवार से सम्पर्क किया। नरेश की मां प्रभादेवी किसी कारणवश उदयपुर नहीं आ सकी तो रजनी युवती को लेकर सेवंत्री पहुंच गई।