कांस्टेबल परीक्षा में हर रेंज में अलग पेपर, जिला स्तर पर बनेगी मेरिट।

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कांस्टेबल भर्ती परीक्षा केलिए हर रेंज में अलग पेपर होगा और जिलास्तर पर मेरिट बनेगी। ऑनलाइन एग्जाम निरस्त होने के बाद पीएचक्यू एग्जाम को रेंज स्तर पर कराने की तैयारी में है। गुरुवार को डीजीपी की अध्यक्षता में सभी एडीजी की मीटिंग में इस पर सहमति बनी। मीटिंग के बाद ही सरकार ने आईजी प्रशाखा माथुर को जिम्मेदारी दी है। सोमवार को आईजी के
इस पद पर ज्वाइन करने के साथ ही भर्ती सैल एक्टिव हो जाएगा। इसके बाद ही तय होगा की परीक्षा की जिम्मेदारी किस एजेंसी को दें। हर रेंज पर अलग अलग एजेंसी को भी परीक्षा की जिम्मेदारी दी जा सकती है। पुलिस मुख्यालय जून तक लिखित परीक्षा आयोजित कर अगस्त के मध्य तक परिणाम घोषित करने को ध्यान में रखकर प्लानिंग कर रहा है।

परीक्षा के दिन इंटरनेट बंद रखा जाए
अफसरों ने ऑफ लाइन एग्जाम में नकल पर अंकुश के लिए राय दी की परीक्षा होने से एक घंटे पहले नेट बंद कर दी जाए। क्योंकि परीक्षा शुरू होने से कुछ देर पहले ही पेपर लिफाफों से खोले जाएंगे। पेपर थानों में रखे जाएंगें। ऑन लाइन एग्जाम में आवेदन करने वाले 16 लाख अभ्यर्थियों का डाटा अभी तक एप्टेक कंपनी के पास ही है।

पहले शारीरिक दक्षता परीक्षा हो तो आधे अभ्यर्थी हाे जाएंगे बाहर भर्ती परीक्षा में पहले लिखित परीक्षा होती है। इसके बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा। ऐसे में कई बार शारीरिक रूप से अनफिट अभ्यर्थी लिखित में उत्तीर्ण और शारीरिक दक्षता में फेल हो जाता है। जबकि उत्तर प्रदेश, दिल्ली में कांस्टेबल भर्ती व आर्मी, सीआईएसएफ, बीएसएफ में भर्ती परीक्षा में ठीक उल्टा
होता है। वहां पहले शारीरिक दक्षता परीक्षा होती है।

एक्सपर्ट बोले: जो फिजिकल फिट नहीं उसे क्यों शामिल करें लिखित परीक्षा म रिटायर्डडीजीपी पीके तिवारी का कहना है पहले फिजिकल जांच हो। जो शारीरिक दक्ष नहीं हैं उसे लिखित में बिठाने का क्या मतलब। अनफिट अभ्यर्थी मेरिट में आ जाएगा लेकिन फिजिकल में बाहर हो जाएगा। तिवारी का कहना है कि वे जब सीआईएसएफ में कमांडेंट थे तब वहां भी पहले फिजिकल एग्जाम होता था, इसके बाद लिखित।

परीक्षा की जिम्मेदारी प्राइवेट एजेंसी के बजाय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड या अन्य सरकारी एजेंसी देने पर विचार।
जिमसें करीब दस लाख अभ्यर्थी बैठे हैं। इस भर्ती परीक्षा
का कुछ ही दिन में बोर्ड परिणाम घोषित करने वाला है।
कोर्ट विवाद से बचने के लिए बोर्ड ने केवियट भी दायर
कर दी थी। जिसके चलते रिट परीक्षा कोर्ट में नहीं उलझी

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