विद्यापीठ के एलएमटीटी में सांस्कृतिक सप्ताह शुरू
उदयपुर. जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ के संघटक लोक मान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षक महाविद्यालय में सांस्कृतिक सप्ताह का आगाज सोमवार को धूमधाम से हुआ। इस अवसर पर पोस्टर प्रतियोगिता, मेहंदी एवं अन्य खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। इसमें एलएमटीटी के लगभग सभी विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।
ऐसी रही प्रतियोगिताएं
पोस्टर मैकिंग : एलएमटीटी की प्राचार्य डॉ. शशि चित्तौड़ा ने बताया कि प्रतियोगिता की शुरुआत गणेश वंदना के साथ हुई। उसके बाद पोस्टर मैकिंग का आयोजन हुआ। इसमें बीएड व एसटीसी की छात्र छात्राओं ने लैंगिंग संवेदनशिलता में शिक्षा की भूमिका, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा का अधिकार कानून, कन्या भ्रूण हत्या विरोधी, बाल विवाह, बेटी बचाओ, बालिका शिक्षा आदि विषयों पर पोस्टर बनाकर सामाजिक संदेश प्रचारित किए।
मेहंदी : दूसरी तरफ चल रही मेहंदी प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने प्रकृति, पशु प्रेम, फूल आदि को विषय बनाते हुए मेहंदी बनाई। कई छात्राओं ने विभिन्न डिजाइन को प्रमुखता से चुना तो अधिकांश ने परंपरागत शैली की डिजाइन को विषय बनाया।
शतरंज और कैरम : सांस्कृतिक सप्ताह के दौरान खेल कूद प्रतियोगिताओं का भी आयोजन हुआ। इसमें विद्यार्थियों ने काफी दिमागी घोड़े दौड़ाए। वहीं क्रिकेट प्रतियोगिता में कालीदास परिषद तथा राधा कृष्ण परिषद की टीम फाइनल में पहुंच गई है। जिनके मध्य अंतिम मुकाबला मंगलवार को खेला जाएगा। इस अवसर पर खेल प्रभारी डॉ. रोहित कुमावत, डॉ. रेणु हिंगड़, डॉ. शाहीद कुरैशी, डॉ. कैलाश चौधरी, डॉ. सुनीता मुर्डिया तथा हरीश राजौरा ने सहयोग किया। घनश्यामसिंह भींडर
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मेवाड़ के राजपूतों को प्रतिनिधित्व नहीं देने से आक्रोश
उदयपुर. राजपूत समाज के सशक्त संगठन सकल राजपूत महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष तनवीर सिंह कृष्णावत ने मेवाड़ में राजपूतों को प्रतिनिधित्व नहीं देने से आक्रोश व्यक्त किया है। इससे पहले उन्होंने रविवार को भानूप्रतापसिंह थाणा के नेतृत्व में सर्किट हाउस में वरिष्ठ भाजपा नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ से मुलाकात कर इस मामले को उठाया साथ ही मांग की गई की मेवाड़ के राजपूतों को भी भाजपा कार्यकारिणी में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है, तो मेवाड़ के राजपूतों में नाराजगी व्याप्त होगी तथा उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचेगी। इस अवसर पर गिरिराज सिंह थाणा, योगेंद्रसिंह चूंडावत, कल्याणसिंह, वीरभद्रसिंह, शिवराजसिंह दुलावत, लोकेंद्र सिंह बेमला, संभय सिंह गुल्लर एवं घनश्यामसिंह भींडर आदि उपस्थित थे