संजय दत्त को सुप्रीम कोर्ट से फिर झटका लगा है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने समर्पण के लिए और समय देने संबंधी उनकी याचिका ख़ारिज कर दी.
अब संजय दत्त को जेल जाना ही होगा. सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के बम धमाकों से जुड़े मामले में संजय दत्त को पाँच साल की सज़ा सुनाई है. संजय दत्त को अवैध रूप से हथियार रखने का दोषी पाया गया था.
सुप्रीम कोर्ट का ताज़ा फ़ैसला आने के बाद संजय दत्त ने टाडा की विशेष अदालत से अपील की है कि उन्हें पुणे की येरवडा जेल में समर्पण करने की अनुमति दी जाए. इस मामले में टाडा कोर्ट बुधवार को फ़ैसला सुनाएगा.
संजय दत्त को 16 मई तक समर्पण करना है.
संजय दत्त ने पाँच साल की सज़ा के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका भी दाखिल की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उस पर विचार करने से मना कर दिया था.
संजय दत्त को पिछले महीने ही अदालत के सामने समर्पण करना था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें एक महीने की मोहलत दी थी. उस समय भी संजय दत्त ने सुप्रीम कोर्ट से क्लिक करें समर्पण के लिए 6 मीहने का समय मांगा था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 6 महीने का समय देने की मांग ख़ारिज कर दी थी.
उनके साथ-साथ मुंबई धमाकों के ही मामले में सजा प्राप्त जैबुन्निसा, अब्दुल गफ़ूर और मुहम्मद इसहाक की भी अपील खारिज कर दी.
इन तीनों ने भी आत्मसमर्पण का समय और बढ़ाने की मांग की थी. इनको मुंबई में 1993 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में अलग-अलग तरीके से शामिल होने के आरोप में सज़ा सुनाई गई है.
समर्पण के लिए और मोहलत नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने संजय दत्त को एक महीने की मोहलत दी थी. यह समय सीमा 16 मई को समाप्त हो रही है. इससे पहले उनको विशेष न्यायालय के समक्ष पेश होना था.
इस बीच पुणे की येरवडा जेल में समर्पण करने की मांग करने वाली संजय दत्त की अपील पर जज जीए सनाप ने सीबीआई को अपना जवाब दाख़िल करने के लिए कहा है.
सुप्रीम कोर्ट के 21 मार्च को क्लिक करें 1993 के मुबंई धमाकों पर सुनाए गए फैसले के पहले टाडा कोर्ट ने संजय दत्त को 6 साल की सजा सुनाई थी. जिसे सुप्रीम कोर्ट नें 21 मार्च के फैसेल में कम करके 5 साल कर दिया था.
संजय दत्त इस मामले में डेढ़ साल की सज़ा पहले ही काट चुके हैं. उन्हें जेल में साढ़े तीन साल का समय और बिताना होगा.
सो. बी बी सी