उदयपुर, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा आयोजित शिल्पग्राम उत्सव-2012 में कलात्मक वस्तुओं की खरीददारी का दौर सोमवार को जारी रहा वहीं सुबल महाराणा की सण्ड आर्ट लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है।
सोमवार को हाट बाजार के चर्म शिल्प में जरी की जूती, मोजड़ियां, लैदर बैग्स, तिल्ला जुत्ती, जैकेट्स, पर्स, बैल्ट की दूकानों पर युवाओं की भीड़ रही वहीं जूट शिल्प क्षेत्र में जूट के बने झूले, बोटल बैग, जूट की चप्पल, मोबाइल कवर आदि की बिक्री हुई। शिल्पग्राम के हाट बाजार में ही खुर्जा की कलात्मक व रंगबिरंगी पॉटरी के फूलदान, चाय के प्याले, टी सैट, मसाले दानी आदि उल्लेखनीय है। अलंकरण में विभिन्न प्रकार के आभूषण मोती के हार, पीतल के नैकलेस, उ़डीसा की पीतल की सजावटी नक्कशीदार मूर्तियाँ, जयपुर की तारकशी, लाख की चूड़ी, वूलन कारपेट, नमदे के बनी वॉल पीस की स्टॉल पर लोगों की खासी रौनक देखी गई। हाट बाजार में लोक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को रिझाया इनमें बहुरूपिया, महाराष्ट्र का शब्द भेद, विशाल पुतलियां प्रमुख हैं।