उदयपुर. फतहसागर किनारे देवाली छोर से नीमच माता मंदिर तक रोप-वे शुरू करने की तैयारी है। यह शहर का दूसरा रोप-वे होगा। इसके लिए जयपुर की उसी फर्म ने प्रशासन को प्रपोजल दिया है, जो 8 साल से दूधतलाई के पास दीनदयाल पार्क से मंशापूर्ण करणी माता मंदिर (माछला मगरा) तक रोप-वे चला रही है।
शहरी विकास को लेकर कलेक्टर चैंबर में शनिवार को बैठक में गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने भी नीमच माता मंदिर तक रोप-वे की जरूरत बताई। मीटिंग में कलेक्टर रोहित गुप्ता, मेयर चंद्रसिंह कोठारी, ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, यूआईटी सचिव रामनिवास मेहता व सीनियर टाउन प्लानर सतीश श्रीमाली ने भी अपने आइडिया शेयर किए।
450 मीटर लंबा होगा रूट, बढ़ेगी सुविधा
प्रस्तावित रोप-वे देवाली छोर पर फतहसागर किनारे नीमच माता मंदिर पहाड़ी की तलहटी से मंदिर तक बनेगा। प्रपोजल देने वाली ओंकारेश्वर ट्रेड लिंक कंपनी के कैलाश खंडेलवाल ने बताया कि इसकी लंबाई 450 मीटर होगी । मंशापूर्ण करणी माता रोप-वे की लंबाई 400 मीटर है।
ये होंगे दो बड़े फायदे
बुजुर्ग भी कर सकेंगे नीमच माता के दर्शन- नीमच माता मंदिर हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, जहां साल की दोनों नवरात्रि में दर्शन करने वालों की विशेष भीड़ रहती है। कई बुजुर्ग सीढ़ियां और चढ़ाई ज्यादा होने के कारण मंदिर नहीं जा पाते।
दूधतलाई की तरह बढ़ेगा पर्यटन- करणीमाता रोप-वे 2007 में शुरू हुआ था, जिससे दूधतलाई स्पेशल अट्रेक्शन बना और यहां पर्यटक बढ़े। यही सुविधा मिलने पर फतहसागर पर भी पर्यटक बढ़ेंगे। इस पहाड़ी से पूरे शहर का विहंगम नजारा होता है।
बड़ा मकसद पर्यटकों का ठहराव बढ़ाना
प्रशासन ने हाल ही बोटिंग सर्किट का ट्रायल भी किया है। इसके तहत पीछोला से फतहसागर तक ढाई किमी लंबे उस जल मार्ग पर बोटिंग की संभावनाएं देखी गईं, जिस पर नाव चलाकर जल संसाधन विभाग झीलों की सफाई करता आया है। प्रशासन को भेजी जाने वाली इस रिपोर्ट का काम अंतिम चरण मे हैं। इसके साथ नीमच माता के लिए रोप-वे शुरू करने की तैयारी भी हो रही है। ये सुविधाएं विकसित करने का बड़ा मकसद पर्यटकों को फतहसागर की ओर डायवर्ट करना और शहर में उनका ठहराव बढ़ाना है।
प्रशासन ने हाल ही बोटिंग सर्किट का ट्रायल भी किया है। इसके तहत पीछोला से फतहसागर तक ढाई किमी लंबे उस जल मार्ग पर बोटिंग की संभावनाएं देखी गईं, जिस पर नाव चलाकर जल संसाधन विभाग झीलों की सफाई करता आया है। प्रशासन को भेजी जाने वाली इस रिपोर्ट का काम अंतिम चरण मे हैं। इसके साथ नीमच माता के लिए रोप-वे शुरू करने की तैयारी भी हो रही है। ये सुविधाएं विकसित करने का बड़ा मकसद पर्यटकों को फतहसागर की ओर डायवर्ट करना और शहर में उनका ठहराव बढ़ाना है।