यूआईटी ठेकेदार से सांठ-गांठ करके किया महिला पुलिस अधिकारी ने अपने बंगले में घुसवाई सडक़, यूआईटी अधिकारियों को नहीं है मामले की जानकारी
उदयपुर। शहर की आधी से ज्यादा सडक़ें खुदी पड़ी है, जिन पर न तो यूआईटी न ही नगर निगम और ना ही पीडब्ल्यूडी ध्यान दे रही है, लेकिन फतहपुरा पर स्थित एक महिला पुलिस अधिकारी और यूआईटी ठेकेदार की मिलीभगत से सरकारी बंगले के भीतर सडक़ बनाई जा रही है। इस मामले की यूआईटी अधिकारियों और इंजीनियरों को जानकारी नहीं थी, लेकिन जब क्रमददगारञ्ज ने पड़ताल की, तो यूआईटी अधिकारियों ने जानकारी जुटाकर बताया कि सरकारी बंगले में बनाई जा रही सडक़ का भुगतान यूआईट नहीं करेगी।
फतहपुरा स्थित जीआरपी की डिप्टी दिव्या मित्तल के बंगले में सडक़ बनाने के लिए आज सुबह पूरे तामजाम के साथ यूआईटी ठेकेदार व उसके कर्मचारी पहुंचे, जिन्होंने सरकारी सडक़ को बंगले में घुसाने की कवायद शुरू कर दी, जहां गिट्टी बिछाकर रोड रोलर से समतलीकरण का कार्य किया गया और बाद में मशीनों द्वारा डामरीकरण किया गया। चार घंटे में ताबड़तोड़ बंगले के अंदर तक सडक़ का काम पूरा कर दिया गया। सडक़ बनाने का यह काम यूआईटी द्वारा किया जा रहा था, लेकिन बंगले के अंदर तक सडक़ बनाने के आदेश यूआईटी के किसी अधिकारी और इंजीनियर ने नहीं दिए थे। क्रमददगारञ्ज ने जब यूआईटी अधिकारियों और इंजीनियर से बात की और मौके पर इंजीनियर पहुंचा, तब तक ये काम पूरा हो चुका था। यूआईटी अधिकारियों का कहना है कि बंगले के भीतर सडक़ बनाने के आदेश उनके द्वारा नहीं दिए गए, जबकि मौके पर काम कर रहा ठेकेदार जवाब देने से बचता रहा।
मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है। किसके कहने पर पुलिस अधिकारी के बंगले में सडक़ बनाई जा रही है। मैं मामले का पता लगाकर आपको बताती हूं।
-कीर्ति राठौड़, ओएसडी, यूआईटी
मैं अभी मौके पर पहुंचा हूं। बंगले में सडक़ का काम पूरा कर लिया गया है। यूआईटी ने मुख्य मार्ग पर पेच वर्क निकालने के लिए ऑर्डर निकाले थे। अधिकारियों के बंगले में सडक़ बनाने के आर्डर नहीं दिए गए थे। ये सडक़ शायद पुलिस अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत से बनी है। बंगले में बनाई गई सडक़ का भुगतान यूआईटी नहीं करेगी।
-निर्मल शर्मा, यूआईटी इंजीनियर