उदयपुर, होली का पर्व धूम दाम से और रंगों भरा मानाने के लिए इन दिनों बाजारों की रोनक देखने लायक है । कही कपडे गहने तो कही दुलंदी की ख़ास तय्यारी के लिए मनमोहक रंग तो नवजात के ढूंढोत्सव के लिए नए कपडे और गहनों की ख़ास खरीद दरी चल रही हैशहर के आस पास के ग्रामीण भी समूह के रूप में बाजारों में खरीद दारी के लिए पहुच रहे है । गृहणियां पापड़-पापडिय़ां और अन्य व्यंजन बनाने में जुट गई है। और होली के साथ ही मंदिरों में फागोत्सव की भी धूम मच रही है ।
रंगोत्सव को लेकर बाजारों में रंगबिंरगी अबीर-गुलाल और विभिन्न डिजाईनों की पिचकारियों के काउंटर सज गए है। इन काउंटर्स पर खरीददारी भी शुरू हो गई है। सीबीएसई से संबधित बच्चे परीक्षा खत्म होने से बिना तनाव के होली को धूमधाम से मनाने के लिए तैयारियों में जुट गए है। बच्चों ने अपने मित्रो को पानी से सराबोर करने के लिए पिचकारियां भी खरीद ली है। बाजार में मिष्ठान विक्रेताओं ने भी होली को लेकर मिष्ठान बनाने का कार्य जारी रखा है। उदयपुर। रंगों और मस्ती के पर्व होली के नजदीक आने के साथ ही शहर के बाजारों में त्यौहारी रंगत बिखरने लगी है। बाजारों में होली पर होनेवाले ढूंढोत्सव को लेकर खरीददारी चरम पर है वहीं रंगबिंरगी अबीर-गुलाल और विभिन्न वैराईटियों की मनभावन पिचकारियों के काउंटर भी सज गए है। फाल्गुन की शुरूआत के साथ ही अंचल में होली की धमचक शुरू हो गई है। मस्ती के दो दिवसीय उत्सव होली के प्रथम दिन शहर के पारंपरिक होलीथानों के साथ ही अधिकांश गली मोहल्लों में शुभ मुहूर्त में होली की पूजा अर्चनाकर उसका दहन किया जाएगा। कई पारंपरिक स्थलों पर होली का रोपण कर दिया गया है जबकि कई स्थानों पर उसी दिन होली का रोपण कर विधिविधान से होलिकादहन किया जाएगा। होली को लेकर गली मोहल्लों में युवाओं की टोलियां तैयारियों में जुटी हुई है। इसके लिए चंदा एकत्रित करने के साथ ही विभिन्न व्यवस्थाओं को धूमधाम तरीके से अंजाम देने के लिए जुटे हुए है। पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह बना हुआ है। होलिका दहन के दहन के दूसरे दिन धुलेंडी परंपरानुसार मनाई जाएगी। पर्व पर लोग एक दूसरे को अबीर-गुलाल से सराबोर कर पर्व की बधाई देंगे। नवजात शिशुओं का होगा ढूंढोत्सव होली पर इस वर्ष जन्मे नवजात शिशुओं के ढूंढ की रस्म धूमधाम से पूरी की जाएगी। इस रस्म के तहत नवजात बच्चों को दूल्हे के रूप में श्रृंगारित कर उसके मामा जलती होली की सात बार परिक्रमा करेंगे। इस रस्म के बाद दूसरे दिन समाज के लोगों की मौजूदगी में होली गीतों के गायन के बीच नवजात को ढूंढा जाएगा। इस अवसर पर नवजात के परिजनों की ओर से अल्पाहार और भोजन की व्यवस्था की जाएगी। देवालयों में फागोत्सव की धूम शहर के देवालयों में बसंत पंचमी से फागोत्सव की धूम मची हुई है। यह धूम होली के बाद आनेवाली तेरस (रंगतेरस ) तक जारी रहेगी। शहर के जगदीश मंदिर,श्रीनाथजी मंदिर, अस्थल मंदिर, बाईजीराज के कुण्ड, सत्यनारायण मंदिर, मीठारामजी के मंदिर, राधावल्लभ मंदिर सहित अन्य देवालयों में प्रतिदिन ठाकुरजी को अबीर-गुलाल से फाग खेलाकर होली के रसिया का गायन किया जा रहा है। मंदिरों में फागोत्सव में बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।