उदयपुर। बांसवाड़ा में गुरुवार को देर रात दो समुदाय आपस में भीड़ गए। गुरुवार रात को खांटवाड़ा- गोरखइमली क्षेत्र सहित अन्य चार जगहों पर आपस में पथराव आगजनी की घटना हुई। पुलिस को आंसूगैस छोड़ कर भीड़ को तीतर बितर करना पड़ा। पुलिस प्रसाशन ने देर रात एक बार क्षेत्र में धारा १४४ लगा दी लेकिन आज सुबह एक बार फिर माहौल गरमा गया है।
रात को जब माहौल खराब हुआ था और आगजनी पथराव जैसी घटना होने के बाद धारा १४४ लगाने के बावजूद खांटवाड़ा – गोरखइमली अदि क्षेत्रों में उचित पुलिस जाब्ता नहीं होने की वजह से उपद्रवियों ने सुबह १० बजे दो घरों में आग लगा दी। बांसवाड़ा में मोके पर खड़े युवाओं ने उदयपुर पोस्ट को कॉल कर बताया कि आगजनी की घटना हो रही थी तब मोके पर कोई पुलिस कर्मी मौजूद नहीं था। सुबह १० बजे से शुरू हुआ उपद्रव १२.३० बजे तक चलता रहा। माहौल को देखते हुए मोके पर पुलिस जाब्ता तैनात होना चाहिए था लेकिन आगजनी की घटना वाली जगह पुलिस जाब्ता करीब ढाई घंटे बाद पहुंची।
गुरुवार के रात को शब-ए-बरात के मोके पर कालिका माता क्षेत्र स्थित एक दरगाह पर कुछ युवक फातेहा पढ़ने जा रहे थे इस बिच वहां बैठे कुछ युवकों से कहा सुनी हो गयी। बात इतनी बड़ी की आपस में मारपीट और पथराव तक बात पहुंच गयी। सूचना पाकर मोके पर पुलिस पहुंच गयी लेकिन पथराव और दोनों समुदाय के उग्र युवाओं को देखते हुए एक बार तो पुलिस को भी पीछे हटने जैसे स्थिति होगयी। हालाँकि देर रात मोके पर जिला पुलिस अधीक्षक कालूराम रावत और जिला कलक्टर मोके पर पहुंच कर स्थिति को नियंत्रण में लिया और दोनों समुदाय के बिच पुलिस दीवार बन कर खड़ी रही। जब दोनों तरफ के युवा समझने को मानाने को तैयार नहीं हुए तो पुलिस को मजबूरन आश्रु गैस छोड़नी पड़ी और भीड़ को तीतर बितर करने के लिए हलके बल का प्रयोंग करना पड़ा। बाद में जिला प्रशासन ने क्षेत्र में धारा १४४ लगा दी।
आज सुबह १० बजे करीब एक बार फिर माहौल खराब हो गया है। सुबह माहौल खराब होने का आरोप कई लोग पुलिस पर लगा रहे है। लोगों का कहना है की जब रात को आगजनी और पथराव की घटना हो गयी थी तो आज सुबह या कल रात से तनाव वाले स्थानों पर पर्याप्त पुलिस जाब्ता होना चाहिए था। लेकिन सुबह पुलिस को नहीं देख कर उपदेवियों ने फिर से अपना खेल शुरू कर दिया। पुलिस १२.३० बजे बाद मोके पर पहुंच कर स्थिति को सँभालने की कोशिश कर रही है।