उदयपुर एम् बी हॉस्पिटल में आठ जुलाई को रेजिडेंट डॉक्टर द्वारा परिजनों से मारपीट और मिडिया से बादसलूकी के मामले मै प्रशासनिक जांच कमिटी की और से सोंपी गयी रिपोर्ट में सीधे तौर पर मरीज व् उसके परिजनों से मारपिट, मिडिया व् पुलिस कर्मियों से बदसलूकी और गैर जिम्मेदाराना व्यहवार के लिए रेजिडेंट डॉक्टरों को दोषी माना है और इसी घटना के बाद हॉस्पिटल प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करने पर हॉस्पिटल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है ।
ए डी एम् सिटी यासीन पठान की निष्पक्ष जांच रिपोर्ट के आधार पर रेजिडेंट डॉक्टर कप्तान सिंह , डॉ . चेतन भोले , चेतन राणा , ने अन्य रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ मिल कर मरीज के परिजन जितेन्द्र सिंह उसकी पत्नी तथा मरीज ( जितेन्द्र सिंह की माता ) के साथ मारपीट की तथा कार्य का बहिष्कार कर हड़ताल पर उतरने में सक्रीय भूमिका निभाई है ।
रिपोर्ट में यह भी कहा है रेजिडेंट ने थाने में गलत तथ्य दिए है क्यों की भला एक आदमी जिसके साथ दो महिलाए है और एक मरीज है वो भला २० – २५ डॉक्टरों को केसे पिट सकता है जबकि हकीकत तो यह है की मरीज व् उसके परिजन के साथ हो रही मारपीट के बिच पुलिस ने आकर उन्हें बचाया ।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है की बिच बचाव करने गए पुलिस कांस्टेबल को भी डॉक्टरों ने ऊँगली मरोड़ कर तोड़ देने की धमकी दी । तथा घटना का कवरेज करने गए मिडिया कर्मियों से भी रेजिडेंट डॉक्टर मारपीट पर उतारू हो गए और उनके साथ बाद सुलुकी की ।
जिला कलेक्टर हेमंत गेरा ने रिपोर्ट प्रमुख शासन सचिव को अग्रिम कार्यवाही के लिए भेज दी है ।
इधर संघर्ष कर रहे मेवाड़ क्षत्रिय सभा के पदाधिकारियों ने तय किया है की १३ अगस्त तक धरना स्थगित करदिया गया है क्षत्रिय सभा के अध्यक्ष बालू सिंह कानावत ने कहा है की १३ अगस्त तक यदि सरकार दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करती है तो १३ अगस्त को सर्व समाज की बैठक राखी जायेगी और १४ अगस्त से उग्र आन्दोलन किया जाएगा ।