जयपुर। गौ-तस्करी पर लगाम लगाने व गौवंश को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार नई पहल करने जा रही है। सरकार गायों का पंजीयन27_05_2014-cows26 कराएगी व पंजीयन करवाने वाले गौ-पालकों को नाम-मात्र के खर्च पर बीमा की सुविधा देगी। इससे गायों के मरने, बीमार होने पर गौ-पालकों को मुआवजा मिलेगा।
इस योजना के पीछे सरकार की मंशा दूध देना बंद करने के बाद गाय को आवारा छोड़े जाने से रोकना व गौकशी के लिए बेचे जाने पर रोक लगाना है। राज्य में हर साल लाखों की संख्या में गौधन पड़ोसी राज्य हरियाणा व उत्तर प्रदेश में गौकशी के लिए चोरी छुपे भेजा जाता है। तस्करी की ऐसी घटनाओं के विरोध में प्रदेश में अक्सर जन आंदोलन होते है। कई बार सांप्रदायिक सद्भाव बिगडऩे की भी नौबत आ जाती है।
इसकी रोकथाम के लिए पिछली राज्य सरकार ने भी कानून में बदलाव की घोषणा की थी। अभी सरकार गौशाला में रह रही गायों का पंजीयन करवाती है,
जिनकी संख्या करीब पांच लाख है। राज्य में सरकार की तरÈ से चलाई जा रही गौशालाओं की संख्या १,३०४ है। यदि प्रदेश में सभी गायों का पंजीयन करवाया जाता है तो २००७ की पशुगणना के मुताबिक राज्य में एक करोड़ १४ लाख गायों का पंजीयन होगा। इसके लिए सरकार हर जिले में गणना भी कराएगी।
पंजीकृत गायों को यदि उसका मालिक दूसरे राज्य में बेचता है तो सरकार से उसे बाकायदा परमिट लेना होगा। राज्य के अंदर होने वाली गायों की खरीद-Èरोख्त के लिए परमिट की आवश्यकता नहीं होगी। गाय की तस्करी रोकने को सरकार गौ-संवद्र्धन के लिए बने वर्ष १९९५ के कानून में भी बदलाव करने जा रही है। नए कानून के तहत गौ-तस्करों के पकड़े जाने पर ट्रक मालिक, चालक, खलासी सहित अन्य लिप्त व्यक्तियों के खिलाÈ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, आबकारी विभाग की तरह तस्करी के लिए ले जाने वाले ट्रक की कीमत का दुगना जुर्माना लगाया जाएगा। राजस्थान सरकार के कृषि मंत्री प्रभूलाल सैनी ने बताया कि सरकार नाम मात्र की राशि पर गायों का बीमा करेगी। गाय के मरने पर इसका मुआवजा गाय मालिक को मिलेगा। इसके लिए गाय मालिकों को गायों का पंजीयन करवाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। पंजीयन होने से गायों की तस्करी पर लगाम लगेगी।
राजस्थान में अब होगा गायों का रजिस्ट्रेशन
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