अचल सम्पत्ति पर विक्रय प्रतिफल के बजाय रजिस्ट्रार द्वारा निर्धारित मूल्य पर लगेगा टेक्स

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budget-01उदयपुर, चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट निर्मल सिंघवी ने कहा कि कल केन्द्रीय वित्त मंत्री पी.चिदम्बरम द्वारा वर्ष २०१३-१४ के लिए लोकसभा में पेश किये गये आम बजट में कहा कि अचल सम्पत्ति पर विक्रय प्रतिफल के बजाय रजिस्ट्रार द्वारा उस सम्पत्ति के सन्दर्भ में किए गये निर्धारित मूल्य पर आयकर लगेगा।

वे आज रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा रोटरी बजाज भवन में आम बजट-२०१३,सेवाकर एंव केन्द्रीय उत्पाद कर पर आयोजित परिचर्चा में भाग लेते हुए बोल रहे थे। उन्होनें कहा कि बजट से आम लोगों को काफी राहत की उम्मीद थी लेकिन वित्त मंत्री ने देश की वास्तविक स्थिति को देखते हुए एक यर्थाथवादी बजट पेश किया। बजट में राजकोषिय घाटा ५.२ से घटकर ४.८ प्रतिशत पर पूर्वानुमानित किया गया वह एक सही आंकलन रहा। वित्त मंत्री ने इस बजट के जरिए देश के घाटे को नियंत्रित करन के साथ-साथ विकास को भी महत्व दिया है।

सिंघवी ने प्रत्यक्ष करो में बदलाव की चर्चा करते हुए कहा कि गैर कृषि उच्च सम्पत्ति पर क्रेता को १ जून २०१३ से प्रतिफल का एक प्रतिशत कर कटौती करनी होगी। इसके साथ ही अचल सम्पत्ति के क्रेता व्यापारी के पास स्टॉक होने पर भी उसे वास्तविक विक्रय प्रतिफल के बजाय रजिस्ट्रार द्वारा उस सम्पत्ति के सन्दर्भ में किए गये निर्धारित मूल्य पर आयकर लगेगा। इसके साथ ही क्रेता को सब रजिस्ट्रार द्वारा निर्धारित मूल्य वास्तविक प्रतिफल के अधिक होने पर दोनों के अन्तर पर यह कर चुकाना होगा।

सिंघवी ने बताया कि वित्त मंत्री ने आयकर स्लेब व कर दरों में कोई बदलाव नहीं किया है एंव पंाच लाख तक की आय पर दो हजार रूपयें की छूट अपर्याप्त है। प्रथम मकान पर ब्याज की छूट हेतु २५ लाख तक के लॉन पर एक लाख की छूट हेतु चालीस लाख तक की लागत के मकान ही पात्र होंगे। उन्होनें बताया कि महिलाओं, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास,कौशल विकास, सर्वशिक्षा अभियान, इन्प्र*ास्ट्रक्चर हेतु बजट में अच्छे प्रावधान किये गये है और इनका समय पर क्रियान्वयन होने पर यह लाभकारी सिद्घ होंगे।

इस अवसर पर केन्द्रीय उत्पाद कर एंव सेवा कर के सन्दर्भ में बोलते हुए चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट केशव मालू ने बताया कि मार्बल पर उत्पाद शुल्क को दोगुना कर दिया गया है जिससे प्रतिवर्ग मीटर ३० रूपयें उपभोक्ता को अतिरिक्त शुल्क चुकाना होगा। इससे स्थानीय मार्बल उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा। सर्विस टेक्स के अन्तर्गत ‘स्वैच्छिक पालना स्कीम‘ में १ अक्टूबर २००७ में जिन्होनें सर्विस टेक्स एंव रिटर्न नहीं भरा है यदि अब भी वे रिटर्न एंव सर्विस टेक्स भर देंगे तो उन्हें देय टेक्स पर शास्ति एंव ब्याज नहीं देना होगा। मालू ने उत्पाद एंव आयात शुल्क मे हुए परिवर्तनों की विस्तृत जानकारी दी।

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