नई दिल्ली/जोधपुर। नाबालिग से यौन शोषण के आरोपी आसाराम को जेल से बाहर निकलवाने के लिए उनके वकील रामजेठमलानी पूरा जोर लगा रहे हैं। जोधपुर हाईकोर्ट में आसाराम की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान जेठमलानी ने दलील दी थी कि पीडिता मानसिक रूप से बीमार है। उसे पुरूषों से अकेले में मिलने की बीमारी है लेकिन एक समाचार चैनल ने जेठमलानी के दावों की धज्जियां उड़ा कर रख दी है। समाचार चैनल ने खुलासा किया है कि पीडिता 8 वीं,9 वीं और 10 वीं में बहुत अच्छे अंकों से पास हुई है। 10 वीं की मार्कशीट पर उसकी जन्मतिथि 4 जुलाई 1997 दर्ज है। इससे साबित होता है कि वह नाबालिग है। मार्कशीट मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर जारी की गई है। मार्कशीट में पीडिता को फस्र्ट क्लास से पास दिखाया गया है। दिल्ली में हुए मेडिकल टेस्ट से भी साबित हुआ है कि पीडिता की मानसिक अवस्था सामान्य है। वह सिर्फ डिप्रेशन में हैं। जब किसी के साथ ऐसा होता है तो उसका डिप्रेशन में जाना स्वाभाविक है।
सवाल करने पर जेठमलानी को आया गुस्सा
मंगलवार को मुंबई की एक कोर्ट पहुंचे जेठमलानी से पत्रकारों ने आसाराम से जुड़े केस पर सवाल पूछे तो वह भड़क गए। जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया कि आपने किस आधार पर कोर्ट में यह दलील दी थी कि पीडिता मानसिक रूप से बीमार है तो जेठमलानी ने कहा कि मुझसे सवाल मत पूछो। एक वकील से मत पूछो कि उसने बहस में क्या कहा। मीडिया वाले पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं। बेवजह ही लड़की को लेकर पूर्वाग्रह बनाने की कोशिश की जा रही है। पुलिस की रिमांड अर्जी में कहा गया है कि लड़की की बीमारियों के बारे में जानकारियां जुटाई गई है। मुझे मत बताओ कि पुलिस क्या कह रही है। मैं तुम लोगों को जवाब देने के लिए जिम्मेदार नहीं हूं।