नोएडा में हुए आरुषि तलवार हत्याकांड मुक़दमे की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने एक विशेष अदालत को बताया है कि आरुषि के पिता राजेश तलवार ने आरुषि और हेमराज को ‘आपत्तिजनक अवस्था’ में पकड़ लिया था.
बुधवार दोपहर आरुषि-हेमराज हत्याकांड मामले में जांच अधिकारी से चल रही जिरह खत्म हो गई है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ मंगलवाक को गाज़ियाबाद की एक विशेष अदालत में हत्या के मुक़दमे की सुनवाई के दौरान सीबीआई के सहायक पुलिस अधीक्षक एजीएल कौल ने ये बयान दर्ज कराया.
पीटीआई के मुताबिक़ कौल ने अदालत को बताया कि डॉक्टर राजेश तलवार ने जब अपने नौकर हेमराज को अपनी बेटी के साथ उसके कमरे में पाया तब उन्होंने उन पर वार किया जिससे उनकी और आरुषि की मौत हो गई.
आरुषि के माता-पिता इन आरोपों से शुरू से ही इनकार करते रहे हैं. बचाव पक्ष के वकील सत्यकेतु सिंह ने भी इसे सीबीआई की कल्पना बताया है.
अपनी जांच पर आधारित तथ्यों का हवाला देते हुए एजीएल कौल ने कहा, “हेमराज के कमरे में दो गॉल्फ स्टिक्स में से एक को उठा कर राजेश तलवार आरुषि के कमरे की तरफ गए जहाँ से आवाज़ें आ रहीं थीं. दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देखकर राजेश तलवार ने हेमराज पर गोल्फ स्टिक से वार किया.”
गुत्थी
सीबीआई अफ़सर एजीएल कौल के अनुसार, “पहले वार में ही हेमराज एक ओर गिर गए जबकि दूसरे वार में स्टिक क्लिक करें आरुषि के माथे पर लगी जिससे उनकी मौत हो गई”.
मंगलवार को विशेष अदालत में बचाव पक्ष के सवालों का जवाब देते हुए एजीएल कौल ने कहा था कि हेमराज पर हमला आरुषि के कमरे में उसके बेड पर हुआ था और उसके बाद उसे चादर में डालकर छत पर ले जाया गया.
पीटीआई के मुताबिक़ उन्होंने ये भी बताया कि छत पर हेमराज को घसीटकर एक कोने में ले जाया गया और वहां कथित रूप से उनका गला रेता गया.
बचाव पक्ष की ओर से पूछे गए 50 से अधिक सवालों के जवाब देते हुए इस मामले के जांच अधिकारी रहे एजीएल कौल ने कहा कि घटना की रात 12 बजे तक राजेश तलवार अपने कमरे में जगे हुए थे और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार दोनों की हत्या भी 12 से एक बजे के बीच में हुई.
बुधवार को जिरह ख़त्म होने से पहले जांच अधिकारी एजीएल कौल से पूछा गया कि उन्होंने नुपूर तलवर को पहले गिरफ्तार क्यों नहीं किया?
इसके जवाब में उनका कहना था, “मेरे सीनियर अधिकारी ने नूपुर की गिरफ्तारी की मंजूरी नहीं दी थी”.
मामला
16 मई, 2008 को 13 साल की आरुषि की हत्या तलवार दंपत्ति के नोएडा वाले घर में की गई थी.
शुरुआत में सबका शक नौकर हेमराज पर गया, लेकिन बाद में हेमराज का शव घर की छत पर मिला था.
आरुषि की हत्या का आरोप सबसे पहले पिता राजेश तलवार पर लगा था और हत्या के एक हफ्ते बाद ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने पहले उन्हें गिरफ्तार किया और फिर रिहा कर दिया.
इस मामले में डॉक्टर तलवार के एक सहायक और उनके जाननेवालों के घर काम करनेवाले दो नौकरों समेत तीन अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया था और फिर छोड़ दिया गया.
बाद में उत्तर प्रदेश पुलिस के काम के तरीके पर काफी हंगामा मचा और फिर उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मायावती सरकार ने ये मामला सीबीआई को सौंप दिया.
नूपुर तलवार और उनके पति राजेश तलवार पर अपनी बेटी आरुषि और नौकर हेमराज की हत्या का आरोप है.
राजेश तलवार और नूपुर तलवार पहले ही ज़मानत पर बाहर हैं. पेशे से डेंटिस्ट तलवार दंपत्ति पर हत्या और सबूतों को नष्ट करने के आरोप लगे हैं. राजेश तलवार पर जांच को गुमराह करने के भी आरोप हैं. राजेश और नूपुर तलवार अपने ऊपर लगाए गए आरोपों से इनकार करते हैं.