उदयपुर . विधानसभा चुनाव में उदयपुर जिले की मावली विधानसभा सीट में बागियों की संख्या बढती जा रही है । भाजपा और कांग्रेस दोनों का टिकिट फायनल हो गया है लेकिन दोनों पार्टियों के बागियों ने ताल थोक दी है इसी कड़ी में भाजपा का बागी कुलदीप सिंह ने अपना शक्ति का प्रदर्शन करते हुए पर्चा भरा . दूसरी तरफ कांग्रेस में भी गुरुवार देर रात बगावत के सूर तेज हो गए ।
मावली विधानसभा सीट से भाजपा के धर्म नारायण जोशी और कांग्रेस के लाल सिंह झाला मैदान में है। पूर्व सरपंच कुलदीप सिंह ने ताल ठोकते हुए हजारों समर्थकों के हुजूम के साथ शुक्रवार को अपना नामांकन पत्र भरा, कुलदीप सिंह भाजपा के प्रबल दावेदारों में से माने जा रहे थे और यह भी माना जा रहा था कि अगर उन्हें पार्टी टिकिट नहीं देती है तो जनता सेना अपना समर्थन देगी । लेकिन न तो भाजपा ने कुलदीप सिंह को टिकिट दिया न हीं जनता सेना ने साथ दिया। इस पर शुक्रवार को कुलदीप सिंह ने अपने हजारों समर्थकों के साथ नामांकन भरकर साबित कर दिया है कि कोई पार्टी साथ हो या न हो मावली की जनता उनके साथ जरूर है। इसके साथ ही कई लोगों ने साकरिया खेड़ी के चुनाव में अपनी तरफ से अनुदान राशि देने की घोषणा भी सभा के दौरान कर दी। जिससे कुलदीप सिंह के कार्यकर्ताओं का मनोबल और ज्यादा बढ़ गया है .
इधर कांग्रेस की लिस्ट आने के बाद पूर्व विधायक पुश्कर डांगी के समर्थकों ने भी गुरूवार देर रात टिकिटों की घोशणा के बाद अपना विरोध प्रदर्षन करते हुए मावली की सड़कों पर भारी नारेबाजी की। गौरतलब है कि मावली से कांग्रेस के देहात जिलाध्यक्ष लालसिंह झाला को टिकिट दिया गया है, जो कुम्भलगढ़ से अपनी दावेदारी कर रहे थे, वहीं पुश्कर डांगी ने मावली से दावेदारी की थी और हार्दिक पटेल के सबसे करीबी होने से माना भी यह जा रहा था कि उनका टिकिट तो कट ही नहीं सकता। ऐसे में मावली कांग्रेस से लालसिंह झाला का नाम आते ही पुश्कर डांगी के समर्थकों में भारी रोष देखा गया उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर जमकर भड़ास निकालते हुए कहा कि मावली के कांग्रेसी पेराशूट उम्मीदवार को कतई स्वीकार नहीं करेंगे।
शनिवार को भाजपा और कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी धर्मनारायण जोशी एवं लाल सिंह झाला नामांकन भरेगें .
सलुम्बर में बागी रेशमा मीना ने भरा पर्चा :
गुरूवार देर रात कांग्रेस की लिस्ट जारी होने के बाद दावेदारी कर रहे है कार्यकर्ताओं में बगावत के तैवर सामने आरहे है उसी कड़ी में सलूंबर विधानसभा से कई महिनों से ताल ठोक कर बैठी रेशमा मीणा अपना टिकट कटने के बाद निर्दलीय रूप से उपखंड कार्यालय पहुंचकर शुक्रवार को अपना नामांकन पेश किया। निर्दलीय रूप से ताल ठोकते हुए रेशमा मीणा करीब 2 हजार समर्थकों के साथ उदयपुर सलूम्बर रोड़ से चुंगीनाका होते हुए उपखण्ड कार्यालय पंहुची। जहां नामाकन दाखिल करने के बाद रैली के रूप में रेशमा मीणा के समर्थकों ने गगनचुंबी नारे लगाते हुए साबित कर दिया कि इस बार वह कांग्रेस के निर्णय के साथ नहीं है। रेशमा मीणा ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि सलूम्बर विधान सभा एवं पूर्व की सराड़ा विधानसभा से वंशवाद के चलते है एक ही परिवार राज कर रहा है और इस वंशवाद को लेकर सलूम्बर विधानसभा की जनता उब चुकी है। इस क्षेत्र से आज तक किसी छोटे तबके के कार्यकर्तों को आने नही दिया गया है। क्षेत्र के पूर्व विधायक एवं सांसद ने पार्टी में बडे मुकाम पर पहुचने के बाद भी छोटे कार्यकर्ताओ तवज्जो नही दी। कार्यकर्ताओं की मांग पर मैने चुनावी मैदान में ताल ठोकी है। रेशमा मीणा पूरा विश्वास जताते हुए कहा कि यही कार्यकर्ता भाजपा एवं कांग्रेस के प्रत्याशियों को मात देकर मुझको विधानसभा में जरूर भेजेगे।