उदयपुर। लाखों रुपये की वसूली का काम भी अब पुलिस कर रही है। शहर के हिरणमगरी थाना में दस लाख की वसूली पुलिस द्वारा किये जाने का मामला सामने आया है। थाणे के कांस्टेबल से लेकर थाना अधिकारी तक की भूमिका संदिघ्ध होने से आला अधिकारी भी सोच में है। मामले में की शिकायत लेकर पीड़ित पुलिस के आला अफसरों के चक्कर काट रहा है। लेकिन साबुत होने के बावजूद भी उसकी सुनवाई कहीं नहीं हो रही है।
जानकारी के अनुसार 138 के मामले में हिरण मगरी पुलिस के अवैध तरीके से वसूली करने का एक मामला सामने आया है जब इस अवैध वसूली की पूरी कार्रवाई पीड़ित ने अपने मोबाइल में वीडियो बनाकर कैद की तो सारे मामले की पोल खुल गई। इस संबंध में पीड़ित हरेन्द्र कुमार जाट ने पुलिस महानिदेशक को शिकायत भेजकर कार्रवाई करने की गुहार लगाई है। दरअसल सुरेशचंद्र पुत्र पूरणमल निवासी सुभाष नगर जिला भरतपुर से पीड़ित हरेन्द्रकुमार के बड़े भाई अनिल कुमार से 10 लाख रुपए मांगता है जिसके एवज में अनिल कुमार ने सुरेशचंद्र को चैक भी दिए थे, जो कि रिर्टन हो गए। इस बारे में सुरेशचंद्र ने 9 अगस्त को जरिए वकील 138 एक्ट के तहत एक नोटिस अनिल कुमार से दे दिया। पीडित हरेन्द्रकुमार के अनुसार दिनांक 30 अगस्त को हिरण मगरी थाने से अनिल कुमार के पास फोन आया जिसमें उसको बताया गया कि सुरेशचंद्र कहा है, जिस पर अनिल कुमार ने कहा कि मुझे क्या पता। एएसआई हमेरलाल ने पीडित के भाई अनिल कुमार से कहा कि 10 लाख रुपए देकर उसका मैटर निपटा दो नहीं तो सुरेशचन्द्र से रिपोर्ट लेकर तुम्हे बंद कर देंगे। इस पर पीड़ित हरेन्द्रकुमार और अनिल कुमार ने बताया कि सुरेशचन्द्र ने पहले ही 138 का नोटिस भेज रखा है, तो उसका जवाब भी उसी तरीके से दिया जाएगा। इस पर खाकी के रंगदारों ने जवाब देने की आवश्यकता नहीं होने की बात कहते हुए कहा कि रुपए लेकर थाने आ जाओ वरना अच्छा नहीं होगा। पीड़ित के अनुसार इसके अगले दिन सुबह 11 बजे रामजीलाल नामक एक पुलिसकर्मी पीडित की सब्जी मंडी स्थित दुकान पर आए और अनिल कुमार के बारे में पूछताछ करके चले गए। थोड़ी देर बाद हिरण मगरी पुलिस का हैड कांस्टेबल भगवानलाल और सिपाही रामजीलाल के साथ एक अन्य सिपाही प्रार्थी की दुकान में जबरन घूस गए और अनिल कुमार को बुलाने की जिद की । इतना ही नहीं 10 लाख रुपए सुरेशचन्द्र को देने के लिए धमकाया। पीडित के अनुसार उसने कारण पूछने पर इन वर्दीधारियों ने कहा कि तुम्हारे भाई के खिलाफ मामला दर्ज है, जब उसने षिकायत की काॅपी चाही तो भगवानलाल पीडित को धमकाने लगा और बोला कि इसको लिखित में चाहिए इसको उठाकर गाड़ी में डालो थाने में दिखाएंगे इसको शिकायत। हंगामा बढ़ता देखकर उगाई करने आये पुलिस कर्मी वहां से चले गए और शाम तक थाने में 10 लाख रुपए लेकर आने को कहा। इस पूरे घटनाक्रम के बाद 3 अक्टूबर की रात 9 बजे एएसआई हमेरलाल व उसके साथी पीडित के सेक्टर 14 स्थित घर गए और उसके छोटे भाई गजेन्द्र कुमार को उठाकर हिरण मगरी पुलिस स्टेशन ले गए और मारपीट की जिससे उसका कान के पर्दे में भी चोट आई । थाने में गजेन्द्र कुमार को धमकाया कि सुरेशचन्द्र के दस लाख रुपए नहीं देने और भगवानलाल के खिलाफ शिकायत नहीं ली तो तूझे झूठे मामले में फंसा कर जेल भेज देंगे। इसके बाद पीड़ित के भाई गजेन्द्रकुमार को 151 में बंद कर अगले दिन एसडीएम के सामने प्रस्तुत किया जहां से उसकी रिहाई हुई। पीडित के अनुसार उक्त पूरे घटनाक्रम की शिकायत पीड़ित अभी तक पुलिस महानिदेशक जयपुर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजिलेंश, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध और पुलिस अधीक्षक उदयपुर को भी कर चूका है। इस संबंध में जब पुलिस के जिम्मेदारों से बात की तो उन्होंने अपनी अनभिज्ञता जाहिर की और एक दुसरे पर आरोप मढ़ते रहे।
पुलिस कर रही है “वसूली भाई” वाला काम – धमका कर राठोड़ी से उगाही कर रही है .
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Bhai per jab log aapke rupay lekar kha jaye or mangne per ladai jagda kare to aadmi kya kare kiske pas jay aajkal ka trad ho gaya hai logo k rupay khane ka
Bhai per jab log aapke rupay lekar kha jaye or mangne per ladai jagda kare to aadmi kya kare kiske pas jay aajkal ka trad ho gaya hai logo k rupay khane ka or ager cort k bharose baitha rahe to process itna lamba hai ki rupay aate aate un rupyo ki value hi khatam ho jati hai