केंद्र से विशेष पैकेज की मांग करती आ रही राज्य सरकार की निगाह भी इस पर टिकी है। पेयजल समेत कई बड़ी समस्याएं हैं, जिन्हें केन्द्र की मदद के बिना पूरा नहीं किया जा सकता। मोदी सरकार को पूरे 25 सांसद देने वाले राज्य को काफी उम्मीदें हैं।
पेयजल : 504 करोड़ की योजना
पेयजल किल्लत से जूझ रही प्रदेश की जनता को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार की ओर से भेजे गए 504 करोड़ रूपए के कन्टीजेन्सी प्लान को मंजूरी मिले। अभी किल्लत के चलते गांवों में लोगों को कई किलोमीटर पैदल चलकर पानी लाना पड़ रहा है।
जेएनएनयूआरएम में हों सारे शहर
केन्द्र सरकार की जेएनएनयूआरएम योजना में प्रदेश के जिला मुख्यालय तक के सभी शहरों को शामिल किया जाए। इससे शहरों के लिए डे्रनेज सहित अन्य योजनाओं पर काम हो सकेगा। अभी मात्र जयपुर, अजमेर और पुष्कर शहर ही इसमें शामिल हैं।
नए एयरपोर्ट बनें, मेट्रो को मदद मिले
सभी संभाग मुख्यालयों के साथ कुछ जिलों में हवाई अड्डे बनें, ताकि पर्यटन बढ़े। कोटा, जैसलमेर, अलवर, माउंट आबू, भीलवाड़ा, सीकर में एयरपोर्ट निर्माण के साथ अजमेर एयरपोर्ट का काम जल्दी पूरा हो। जयपुर मेट्रो के लिए भी मदद की उम्मीद।
इस कॉरिडोर के लिए मिले पैसा
प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति देने के लिए केन्द्र सरकार आर्थिक मदद देकर डीएमआईसी औद्योगिक कॉरिडोर का काम जल्दी पूरा कराए। इस कॉरिडोर का 40 फीसदी हिस्सा अकेले राजस्थान में है। इसलिए इसका सबसे ज्यादा फायदा प्रदेश को ही मिलेगा।
बिजली का मिले “सेंट्रल कनेक्शन”
प्रदेश की कम आबादी वाली सभी ढाणियों को राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना से जोड़कर विद्युत कनेक्शन देने के लिए राज्य को हजारों करोड़ रूपए की आर्थिक मदद की जरूरत। प्रदेश में ऎसी 31 हजार ढाणियां हैं। ये ढाणियां 100 से कम आबादी वाली हैं।