उदयपुर. विधानसभा चुनाव में अब तक राजस्थान की सरकार में अहम भूमिका निभाने वाले मेवाड़ की चाबी उसके पास नहीं रही। उदयपुर संभाग की 28 सीटों में से कांग्रेस के पास सिर्फ 10 सीटें है जबकि भाजपा के खाते में 15 सीटें 2 सीटें बीटीपी और 1 सीट निर्दलीय के खाते में गयी है।
उदयपुर जिले की 8 साटों में से 6 भाजपा की झोली में गई। इनमें से उदयपुर शहर व ग्रामीण कांग्रेस की पक्की सीट मानी जा रही थी लेकिन दोनों ही सीटों पर कटारिया का दांव चला और वह भाजपा की झोली में चली गई। इसके अलावा अप्रत्याशित रूप से गोगुंदा सीट पर प्रताप भील दोबारा विधायक चुने गए। सलूंबर सीट पर बागी रेशमा मीणा का दांव कांग्रेस पर भारी पड़ा और ये सीट बीजेपी के खाते में आई। मावली से धर्मनारायण जोशी में बाहरी प्रत्याशी का दाग धोते हुए सर्वाधिक मतों से जीत हासिल कर यहां कमल खिलाया। झाड़ोल में पिछले चुनाव में हार का मुंह देखने वाले बाबूलाल खराड़ी ने कांग्रेस प्रत्याशी सुनील भजात को सीधी टक्कर देते हुए भारी मतों से हराया। उदयपुर से सिर्फ वल्लभनगर से गजेंद्रसिंह व खेरवाड़ा से पूर्व मंत्री दयाराम परमार सीट को बचाने में कामयाब रहे।
इसने इसको हराया
भाजपा को 6 सीटों पर मिली जीत
उदयपुर शहर- भाजपा गुलाबचंद कटारिया जीते, कांग्रेस डॉ. गिरिजा व्यास हारे
उदयपुर ग्रामीण- भाजपा फूलसिंह मीणा जीते, कांग्रेस विवेक कटारा हारे
गोगुंदा- भाजपा प्रताप भील जीते, कांग्रेस मांगीलाल गरासिया हारे
झाड़ोल- भाजपा बाबूलाल खराड़ी जीते, कांग्रेस सुनील भजात
मावली- भाजपा धर्मनारायण जोशी जीते, कांग्रेस पुष्करलाल डांगी हारे
सलूम्बर- भाजपा अमृतलाल मीणा जीते, कांग्रेस रघुवीरसिंह मीणा हारे
कांग्रेस को मिली 2
वल्लभनगर- कांग्रेस गजेंद्रसिंह शक्तावत जीते, जनता सेना रणधीरसिंह भींडर हारे
खेरवाड़ा- कांग्रेस दयाराम परमार जीते, भाजपा नानालाल अहारी हारे