उदयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि प्रदेश में और देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। बस उन्हें तराशने और मार्गदर्शन की जरूरत है। मुख्य मंत्री रविवार को यहाँ मोहनलाल सुखाडिया में आयोजित दो दिवसीय डीजी फेस्ट के समापन के अवसर पर प्रतिभागियों को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि सूचना प्रधोयोगिकी के स्केटर में तीन दशक पूर्व इस प्रकार की उपलब्धियों की कल्पना भी नहीं की जासकती थी।लेकिन वर्तमान पीढ़ी इसका जो लाभ ले रही है।वह इस क्षेत्र के समर्पित।शोधकर्ताओं की महत्वपूर्ण उपलब्धि है।बांसवाडा, सागवाडा तथा सिरोही के छात्रों द्वारा डीजी फेस्ट में उत्कृष्ठ प्रदर्शन पर उन्हें बधाई देते हुए मंचासीन जनप्रतिनिधियों को इंगित करते हुए कहा कि आप अब कभी मत कहना कि हमारा क्षेत्र पिछडा हुआ है। क्यूंकि वहां अंकित जैन और शिवम् जैसी प्रतिभाएं है जो क्षेत्र के विकास में जुडी हुई है। स्टार्टअप में सफलता के टिप्स देते हुए कहा कि बदलाव के आइडिया‘ज पर लगातार काम करेंगे, तो आपको कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता।
थिंकिंग बिग, थिंकिंग ग्लोबल
उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद के सदस्य श्री मोहनदास पई ने ‘थिंकिंग बिग, थिंकिंग ग्लोबल’ विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि सफल होने के लिए दुनिया भर में फैला विशाल कैनवास तब मिलता है, जब युवा अपनी असीमित क्षमता का पूरे आत्मविश्वास के साथ उपयोग करता है। उन्होंने कहा कि युवाओं में असीमित क्षमता है, उसका उपयोग कर आप अपने व देश के भविष्य को बदल सकते हैं। उन्होंने युवाओं को सीख देते हुए कहा कि वे जो भी करें, उसमें विशेषज्ञता हासिल करें। साथ ही उन्हें प्रोब्लम सॉल्वर बनना चाहिए। भारत जैसे विशाल देश में आज भी ऐसी कई समस्याएं हैं, जिनका तकनीक के उपयोग से बेहतर समाधान ढूंढा जा सकता है। यह समाधान न सिर्फ देश के विकास में अपना योगदान देंगे, अपितु ये युवाओं को सफल उद्यमी बनाने में सहायक होंगे।
टेक्नोलोजी फॉर चेंज
ऑटोडेस्क के एमडी श्री प्रदीप नायर ने ‘टेक्नोलोजी फॉर चेंज’ विषय पर विचार रखते हुए कहा कि क्लाउड कम्प्यूटिंग ने तकनीक की दुनिया बदल दी है। भारत जैसे तेजी से विकसित होते हुए देश में क्लाउड कम्प्यूटिंग के उपयोग से सकारात्मक तकनीकी बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत में डिजायनिंग हब बनने की प्रचुर संभावनाएं हैं। ‘मेक इन इंडिया’ के साथ अब ‘डिजायन इन इंडिया’ की आवश्यकता है। भारतीय प्रतिभाएं डिजायनिंग के क्षेत्र में अपना हुनर दिखा रही हैं लेकिन इसका पूरा लाभ फिलहाल पूरा नहीं मिल पा रहा है। भारत के डिजायनिंग हब बनने से उन्हें भरपूर मौके मिलेंगे।
सफल स्टार्ट अप के लिए अच्छी टीम जरूरी
ओयो रूम्स के संस्थापक श्री रितेश अग्रवाल ने राजस्थान के साथ अपने खास जुड़ाव की यादें साझा करते हुए कहा कि वे वैज्ञानिक बनना चाहते थे और इसी क्षेत्र में आगे बढ़ रहे थे। तभी उनके दिमाग में स्वयं के उद्यम का खयाल आया और आज अपनी एक भी होटल प्रोपर्टी नहीं होने के बावजूद उनके द्वारा शुरू की गई कंपनी देश की सबसे बड़ी होटल चैन्स में से एक है। उन्होंने कहा कि किसी भी सफल स्टार्टअप के लिए जो बिंदु सबसे आवश्यक है, वह है अच्छी टीम। टीम का विश्वास आप तभी जीत सकते हैं, जब आप स्वयं कड़ी मेहनत करें और एक मिसाल कायम करें। उन्होंने कहा कि भारत में अवसरों की कोई कमी नहीं है। युवाओं को उसका लाभ लेना चाहिए।
सुप्रीम एविएशन के अमित अग्रवाल ने कहा कि एक पायलट के रूप में अमरीका में आलीशान जिंदगी होने के बावजूद उनके मन में खयाल आया कि उन्हें उद्यमी बनना चाहिए। यही सोचकर उन्होंने विभिन्न शहरों को जोड़ने वाली एयरलाइन कंपनी बनाने की ठानी। उन्होंने कहा कि शहरों के बीच एयर कनेक्टिविटी के मामले में आज राजस्थान देश में सबसे आगे है। सूचना, प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा ने सत्र में विशेषज्ञों का स्वागत करते हुए आयोजन की रूपरेखा रखी और आभार जताया।
विभिन्न सत्रों में युवाओं ने की शिरकत
डिजिफेस्ट में विभिन्न विषयों पर समानांतर सत्र आयोजित किए गए। ‘यंग एंटरप्रेन्योरशिप’ सत्र में एनपीसीआई के श्री विपिन द्विवेदी ने सफलता की यात्रा को साझा करते हुए कहा कि आप अपना काम करते जाइए, लोग अपने आप जुड़ते जाएंगे। उबेर के डायरेक्टर,पब्लिक अफेयर श्री कोलिन टूज, जूम कार के फाउंडर व सीईओ श्री ग्रेग मोरेन ने भी अपनी कामयाबी की कहानी से युवाओं का दिल जीता और उन्हें प्रेरणा दी। तीसरे सत्र ‘इन्नोवेशंस एट एंटरप्राइजेज लीवरेजिंग स्टार्टअप्स’ में पेप्सिको के सीटीओ अनिल शर्मा, होंडा एसआईईएल के सीआईओ श्री हिलाल खान, लाल पैथ लैब्स के सीईओ श्री मूनेंद्र सोपर्णा, ओबेराय होटल्स के सीआईओ राजेश चोपड़ा आदि ने स्टार्टअप्स के लाभ, चुनौतियां एवं वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उद्यमिता प्रोत्साहन के लिए कारगर उपायों एवं तकनीकी आयामों पर विचार रखे। चौथे सत्र ‘फंड रेजिंग फॉर स्टूडेंट स्टार्ट अप्स’ में माईक्रोसॉफ्ट के स्टार्टअप्स डायरेक्टर नवीन असरानी, इंस्टा ऑफिस के कॉ-फाउंडर श्री विकास लखानी,जेननेक्स्ट इनोवेशन हब के इकोसिस्टम डवलपमेंट हैड राजीव वैष्णव ने विद्यार्थियों को स्टार्टअप्स में फंड मैनेजमेंट के गुर दिए, वहीं आपात प्रबंधन, व्यावसायिक चुनौतियों से निपटने के लिए जरूरी प्रशिक्षण एवं अनुभवों का लाभ उठाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सफल उद्यमियों के बारे में जाने, उनकी यात्रा को समझें और उससे सीखते हुए आगे बढें।
पांचवें सत्र राजस्थान स्पीक्स में एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि हममें हर तरह के माहौल में आगे बढने की हिम्मत होनी चाहिए। लोजीनेक्स्ट सॉल्यूशंस के प्रेसीडेंट मृदुल खंडेलवाल ने टाइम मैनेजमेंट, इच्छा शक्ति और समर्पण के साथ काम करने पर बल दिया। वर्ड ऑफ माउथ कन्स्ल्टिंग के विनीत पांछी ने भी विचार व्यक्त करते हुए युवाओं को प्रेरणा दी।