उदयपुर। सरकार ने बजट में सिर्फ वाहवाही लूटने के लिए घोषणाएं तो कर दी लेकिन हकीकत में यह सब बातेे पहले के बजट में भी थी जो पूरी नहीं हुई।
उदयपुर. मेवाड़-वागड़ से जो जीतकर आता है प्रदेश में उसकी सरकार बनती है लेकिन इस चुनावी बजट में इसी प्रांत को सरकार ने झुनझुना दिया है। सरकार ने बजट में सिर्फ वाहवाही लूटने के लिए घोषणाएं तो कर दी लेकिन हकीकत में यह सब बातेे पहले के बजट में भी थी जो पूरी नहीं हुई। बांसवाड़ा से राजसमंद की प्यास बुझाने के लिए पानी पहुंचाने की नई घोषणा की जबकि यह पहले के बजट में देवास से पानी देने की जा चुकी है जो अभी तक पूरी नहीं हुई। बांसवाड़ा में तो कई घोषणाएं सिर्फ नाम मात्र की गई हैं। जनता को अपेक्षा थी कि बजट में जाते-जाते तो सरकार कुछ देगी लेकिन निराशाा ही लोगों के हाथ लगी। कांग्रेस ने बजट घोषणाओं को रिपीट का आरोप लगाते हुए कहा कि सिर्फ जनता को लॉलीपॉप दे दिया है वहीं भाजपा ने इस बजट का स्वागत करते हुए कहा कि मेवाड़ को बहुत कुछ दिया सरकार ने। बहरहाल, यही कहा जा सकता है कि उदयपुर शहर विधानसभा क्षेत्र को लेकर बजट में कोई सौगात नहीं दी गई। उदयपुर के मावली कस्बे में सरकारी कॉलेज की घोषणा की गई लेकिन इससे पहले के बजट में जो कॉलेज खोले गए उनमें साधन-संसाधन और स्टाफ ही नहीं है। उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज में चार डायलिसिस मशीन की घोषणा की गई, पहले के बजट में आयुर्वेद चिकित्सालय में क्षार सूत्र शल्य चिकित्सा इकाई की घोषणा की लेकिन मशीन अभी चालू ही नहीं हुई। उदयपुर जिले की कानोड़ में तहसील की घोषणा कर दी, वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र में गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया के घोर विरोधी निर्दलीय विधायक रणधीर सिंह सरकार के खास है और रणधीर ने कानोड़ में तहसील लाकर यह बता दिया कि उनकी चलती है, इसके साथ ही वल्लभनगर में अब वल्लभनगर, भींडर और कानोड़ में तहसीलें हो गई, यह अलग बात है कि भींडर में लास्ट इयर तहसील की घोषणा तो कर दी लेकिन अभी वहां तहसील कार्यालय शुरू नहीं हुआ। राजसमंद और भीम की प्यास बुझाने के लिए बांसवाड़ा-जयसमंद से पानी पहुचंाने की घोषणा कि जबकि देवास चतुर्थ से राजसमंद को पानी देने की घोषणा पहले की जा चुकी पर देवास तृतीय व चतुर्थ का काम ही शुरू नहीं हुआ और राजसमंद की प्यास बुझाने के लिए एक नया लॉलीपॉप दे दिया है।
उदयपुर को बजट में मिला लोलीपोप
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