उदयपुर. कच्ची बस्तियों में रहने वाले सैकड़ों परिवार बुधवार को सड़कों पर उतर आए। आवास अधिकार संघर्ष मंच के बैनर तले जुटे इन परिवारों में अधिकतर महिलाएं भी थीं, जो बच्चों को भी लाई थीं। इनकी मांग है कि प्रशासन नीति बनाकर उन्हें स्थायी आवास मुहैया कराए ताकि उनका और बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो। यूआईटी के बाहर प्रदर्शन के दौरान एक मासूम को नींद आने पर मां ने उसी हाथ ठेले पर सुला दिया, जिस पर लाउड स्पीकर्स थे।घर के लिए उतरे सड़कों पर तीन घंटे किया प्रदर्शन
हर आदमी का अपना घर हो। इसके लिए सरकार व प्रशासन आवास नीति तैयार करे। इस मांग को लेकर बुधवार को आवास अधिकार संघर्ष मंच के बैनर तले लोगों ने शहर में रैली निकाली और यूआईटी के बाहर प्रदर्शन किया। इनमें कच्ची बस्तियों में रहने वाले लोग शामिल थे, जो यूआईटी कार्यालय की मेन फाटक के बाहर तीन घंटे जमे रहे। इस दौरान यूआईटी में आवाजाही ठप हो गई। बाद में सुविधा की दृष्टि से सहेलियों की बाड़ी रोड स्थित यूआईटी की फाटक को खोलना पड़ा।
रैली की शुरुआत टाउन हॉल से हुई। इसमें शामिल लोग नारे लगाते हुए शहर के विभिन्न मार्गो से यूआईटी बाहर पहुंचे। यहां पर सभा हुई और यूआईटी सचिव को ज्ञापन सौंपा गया। सभा में माकपा के राज्य सचिव प्रो. वासुदेव शर्मा ने कहा कि हर व्यक्ति का अपना घर हो, यह उसका सपना ही नहीं, अधिकार भी है। सरकार आम जनता के अधिकारों के प्रति संवेदनशील होकर काम करे। वरना लोकसभा चुनाव में परिणाम भुगतना पड़ेगा। सभा को माकपा पार्षद राजेश सिंघवी, जिला सचिव बी.एल. सिंघवी, मंच के अध्यक्ष मोहनलाल खोखावत, गुमान सिंह राव, भीम सिंह सिसोदिया व भूरी बाई ने भी संबोधित किया।
मांग : न्यूनतम दर पर दें हजार वर्गफीट का प्लॉट
उदयपुर में सभी आवासहीन लोगों को न्यूनतम रेट पर 1000 वर्गफीट का प्लॉट दिया जाए या मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाकर यूआईटी न्यूनतम किश्त पर फ्लैट दे। भूखंडों की नीलामी बंद की जाए। माकपा पार्षद राजेश सिंघवी ने बताया कि इस मामले में 2 मार्च तक यूआईटी व प्रशासन द्वारा लिखित समझौता नहीं करने पर 3 मार्च से कलेक्ट्री बाहर बेमियादी पड़ाव डाला जाएगा। आंदोलन को मजबूती देने के लिए माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात 3 मार्च को उदयपुर आएंगी।
हक के लिए उठी आवाज में मासूम की नींद
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