उदयपुर। कड़ाके की सर्दी से पीछा नहीं छूटा, वहीं आधी रात के बाद ओलो के साथ आई बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। देर रात साढ़े तीन बजे से ओले गिरने के साथ शुरू हुई बारिश रुक-रुककर दिन तक जारी रही। एक बारगी, तो ऐसा लग रहा है कि मानो सर्दी में सावन आ गया हो। रात साढ़े तीन बजे गरज के साथ ओले गिरे और बारिश शुरू हुई। ओले एक बार गिर कर बंद हो गए लेकिन बारिश दिन में भी रुक-रुककर चलती रही। सुबह होते-होते तो शहर की सड़कों का हाल सावन में बारिश गिरने जैसा हो गया। शहर की गलियों और मुख्य सड़कों पर पानी भर गया, लोग छातें और बरसाती लेकर निकल गए। चारों ओर कोहरा छाया हुआ है। सुबह 11 बजे तक आठ मिमी बारिश गिर चुकी थी। बारिश के साथ ही ठण्ड ने और ज्यादा जोर जमा लिया और दिन का टेम्प्रेचर गिर कर 14.4 हो गया, जबकि रात का बारिश गिरने के बाद तापमान 5 डिग्री से भी नीचे चला गया। जहां मावठ की इस लगातार बारिश से किसानों की चिंता बढ़ गई, वहीं सावों की शादियों पर भी पानी फिर गया है।
कोहरे में कैद हुआ शहर : बारिश के साथ-साथ कोहरा भी बढ़ गया है। सुबह 11 बजे तो यह हाल थे कि आस-पास की पहाडिय़ां ही नजऱ नहीं आ रही थी। फतहसागर पर झील के बीच नेहरू गार्डन भी गायब हो गया और सड़क से देखने पर मोतीमगरी भी नहीं दिखाई दे रही थी। हाइवे पर सफर करने वालों के लिए कोहरा और बारिश दोनों मुसीबत बनी हुई है।
स्कूलों और ऑफिस में अनुपस्थिति कम : सरकारी ऑफिस और स्कूलों में रोज की तरफ आज उपस्थिति कम रही। नन्हें-मुन्नों को माता पिता ने बारिश को देखते हुए स्कूल नहीं भेजा। सुबह स्कूल जाने वाले ऑटो काफी खाली गए । स्कूल बसों के इंतज़ार में भी इक्का-दुक्का बच्चे खड़े दिखाई दिए। वही बड़ों ने भी बारिश को देखते हुए अपने ऑफिस से छुट्टी मार ली। कलेक्ट्री, युआईटी, तहसील कार्यालय और कई सरकारी विभागों में तो 11 बजे तक अपनी सीट पर इक्का दुक्का कर्मचारी ही नजऱ आ रहे थे। अधिकतर कर्मचारी ने आकस्मिक छुट्टी लेकर घर पर ही दुबके रहे।