राहुल गांधी को MP पुलिस 151 शांति भंग के आरोप में किया गिरफ्तार, बाइक से एमपी में घुस रहे थे

Date:

उदयपुर. अखिल भारतीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी को मध्यप्रदेश पुलिस ने धारा १५१ शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया। एमपी बॉर्डर पर पुलिस ने रोकने का प्रयास किया था। लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड्स तोड़कर अंदर प्रवेश कर लिया। इसके बाद भी पुलिस ने रोकने का प्रयास किया लेकिन वे रास्ता बदलकर अंदर जाते रहे।

इससे पहले सुबह उदयपुर के डबोक एयरपोर्ट पहुंचने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट सहित कई नेताओं ने उनकी अगवानी की। राहुल का मध्यप्रदेश के मंदसौर जाने का कार्यक्रम था।

राहुल निंबाहेड़ा पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें मध्यप्रदेश में प्रवेश करने से रोक दिया। इस पर भीलवाड़ा में जहाजपुर के विधायक धीरज गूजर की बाइक पर बैठ गए और वहां से मंदसौर के लिए रवाना हो गए। इसके बाद पुलिस ने उन्हें रोका तो वे रास्ता बदल कर वहां से वे नीमच के लिए पैदल रवाना हो गए।
– इससे पहले राहुल सुबह उदयपुर के डबोक एयरपोर्ट पहुंचे। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सचिन पायलट सहित कांग्रेस के नेताओं ने उनकी अगवानी की। नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी, मप्र के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, गिरिजा व्यास महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष शोभा ओझा, महेंद्र जीत सिंह मालवीय सहित कई नेता व पदाधिकारी एयरपोर्ट पहुंचे।
– एयरपोर्ट पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे। हाथों में राहुल के पोस्टर लिए कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे लगाए।
– राहुल के एयरपोर्ट के बाहर आते ही कार्यकर्ता उनके स्वागत के लिए उमड़ पड़े जिन्हें कंट्रोल करने के लिए पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी।
इससे पहले राहुल एयरपोर्ट से निकले और अपनी गाड़ी में बैठ कर सड़क मार्ग से मंदसौर के लिए रवाना रवाना हो गए। उन्होंने न ही मीडिया और न ही कार्यकर्ताओं से बात की। राहुल का वहां किसानों से मिलने का कार्यकम था।
– राहुल के काफिले में 100 से त्यादा गाड़ियां शामिल थीं।
– कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ, दिग्विजय सिंह तथा जद यू अध्यक्ष शरद यादव भी राहुल के साथ रवाना हुए।
क्या है मंदसौर मामला
– मंदसौर में फायरिंग में छह किसानों की मौत हुई थी। इसके बाद गुस्साए किसानों ने बुधवार को जिले के बरखेड़ा पंत में कलेक्टर को थप्पड़ मार दिया, उनके कपड़े भी फट गए। मामला यही नहीं थमा। फायरिंग में मारे गए एक शख्स के अंतिम संस्कार के बाद भीड़ पुलिस की ओर दौड़ी। पुलिस के कई जवान जान बचाने के लिए भागकर पिपलिया मंडी थाने लौट गए। वहीं, देवास के सोनकच्छ में आंदोलनकारियों ने चार्टर्ड बस में आग लगा दी। महिलाओं-बच्चों ने हाथ जोड़े तब उपद्रवियों ने उन्हें उतरने दिया। पैसेंजर्स ने खेतों और मंदिरों में छिपकर जान बचाई। भोपाल-इंदौर हाईवे और देवास जिले को मिलाकर 13 बसों समेत 150 गाड़ियों में आग लगा दी गई। बता दें कि प्रदेश में 19 साल बाद किसान आंदोलन में ऐसी हिंसा हुई है। इससे पहले, 1998 में मुलताई में 18 लोगों की मौत हुई थी।
आंदोलन महाराष्ट्र से शुरू हुआ था
– कर्ज माफी और दूध के दाम बढ़ाने जैसे मुद्दे पर आंदोलन महाराष्ट्र में 1 जून से शुरू हुआ था। वहां अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है।
– मध्य प्रदेश के किसानों ने भी कर्ज माफी, मिनिमम सपोर्ट प्राइस, जमीन के बदले मिलने वाले मुआवजे और दूध के रेट को लेकर आंदोलन शुरू किया। शनिवार को इंदौर में यह आंदोलन हिंसक हो गया। अब मंदसौर और राज्य के बाकी हिस्सों में भी तनाव है।
मंदसौर में तनाव क्यों है?
– मंदसौर और पिपलियामंडी के बीच बही पार्श्वनाथ फोरलेन पर मंगलवार सुबह 11.30 बजे एक हजार से ज्यादा किसान सड़कों पर उतर आए। पहले चक्का जाम करने की कोशिश की। पुलिस ने सख्ती दिखाई तो पथराव शुरू कर दिया। पुलिस किसानों के बीच घिर गई। किसानों का आरोप है कि सीआरपीएफ और पुलिस ने बिना वॉर्निंग दिए फायरिंग शुरू कर दी। इसमें 6 लोगों की मौत हो गई।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

Unleash your wildest dreams with taboo sex chat

Unleash your wildest dreams with taboo sex chatTaboo sex...

Jogos, Apostas E Promoções Online

Site Oficial Do Cassino Do BrasilContentAplicação Na Versão No...

1win Pc ᐉ Téléchargez 1win Pour Pc Windows Ou Maco

1win Apk ᐉ Télécharger 1win Côte Divoire Apk Janvier...