पोस्ट न्यूज़। कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने बांसवाड़ा में आयोजित किसान जनाक्रोश रैली में केंद्र सरकार पर जम कर आक्रोश निकाला। राहुल गांधी ने एंग्री में की भूमिका दर्शाते हुए कहा कि वे वसुंधरा सरकार और केंद्र सरकार को चेन से नहीं सोने देंगे। किसार रैली में हालाँकि स्थानीय कांग्रेस के कद्दावर नेता महेंद्र जीत सिंह मालविया व् एनी वागड़ के नेताओं ने भीड़ खासी जमा करली थी। लाखों की भीड़ देख कर सभी कांग्रेसी नेताओं के चेहरे खिले हुए थे।
रैली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा नीत राजग सरकार पर लोकसभा में किसानों के लिए बोलने का समय नहीं देने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि उनकी पार्टी राजस्थान के किसानों के कर्जे माफ करवाने के लिए सड़क पर उतरेगी। गांधी ने यहां कालेज मैदान में किसान आक्रोश रैली को संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार के पास किसान, युवाओं, छोटे व्यापारियों, दलितों के लिए समय नहीं है, केवल देश के बड़े पचास उद्योगपतियों के लिए समय है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा में किसानों के दर्द को बयां करने के लिए समय मांगा लेकिन इस मुद्दे पर बोलने के लिए समय नहीं दिया गया। मैंने दो-तीन घंटे का नहीं केवल दस-पंद्रह मिनट का समय आप लोगों के लिए (किसानों) मांगा था लेकिन मुझे बोलने के लिए एक मिनट का समय भी नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कर्नाटक और पंजाब में किसानों के कर्ज माफ कर दिये हैं। उत्तर प्रदेश में भी योगी सरकार ने कांग्रेस की वजह से किसानों का कर्जा माफ किया है। कांग्रेस ने किसानों के कर्जे माफ करने के लिए उत्तर प्रदेश में रैलियां, सभाएं और यात्रा करके सरकार पर दवाब बनाया। कांग्रेस द्वारा बनाये गये दवाब के कारण ही सरकार ने किसानों का कर्जा माफ किया।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो बड़े वायदे- किसानों की मदद और दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का.. किया लेकिन इनका क्या हुआ सबके सामने है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को यह अच्छी तरह से जान लेना चाहिए की विदेशों में भारत की पहचान किसानों की गाढी मेहनत और पसीने बहाने से है, न कि भाषण से। हिन्दुस्तान खड़ा है तो किसानों की वजह से न कि भाषणों के कारण। गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से किसानों के कर्जे माफ करने, फसल का उचित एवं समर्थन मूल्य दिलवाने, बिजली के बिल माफ करने की मांग करते हुए कहा कि देश का किसान, छोटा व्यापारी, दलित और आम नागरिक दुखी है। उन्होंने कहा कि देश के दो करोड़ किसानों ने प्रधानमंत्री को लिखित में अपना कर्जा माफ करने, बिजली का बिल माफ करने और फसल का उचित मूल्य दिलवाने की मांग की है लेकिन उनका ध्यान इस तरफ नहीं है।